पटना। उद्यमी योजना ने प्रदेश में मजबूत उद्यमशीलता की भावना को विकसित किया है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 5 लाख 41 हजार 667 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें 9,247 आवेदकों का चयन रैंडम तरीके से किया गया है, जिसमें 6,584 को वित्तीय सहायता दी गई है। ताकि वे अपना उद्योग स्थापित कर सकें। इसमें सर्वाधिक आवेदन आइसक्रीम उत्पादन, बेकरी, मसाला, नोटबुक तैयार करने, खाद्य तेल, बीज प्रसंस्करण, सैनेटरी नैपकीन, मखाना पैकिंग, बेसन या आटा बनाने से जुड़े लघु या मद्यम उद्योग स्थापित करने को लेकर आए थे।
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राज्य के उद्योग विभाग के मुताबिक योजना के दूसरे चरण में अतिरिक्त 7,153 आवेदकों का चयन किया गया है। जबकि 1,431 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इसके अलावा बिहार सरकार राज्य के 101 अनुमंडलों में उद्यमिता विकास केंद्र स्थापित करने की तैयारी है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर कसरत तेज कर दी गई है। इस योजना का लाभ लेकर कई उद्यमियों ने सफलता की राह आसान की है। जमुई जिले के सोनू कुमार ने नोटबुक निर्माण लघु उद्योग स्थापित किया, जिसमें चार अन्य लोगों को रोजगार मिला। वे अपनी नोटबुक्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ ही स्थानीय दुकानों में भी बेचते हैं। इससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। इसी तरह खुशबू कुमारी, जो दिव्यांग हैं। उन्होंने मसाला उद्योग स्थापित किया और पांच अन्य लोगों को रोजगार दिया। उनका मानना है कि सिर्फ पंख होने से ही कोई उड़ नहीं सकता, इसके लिए साहस और हौसले की जरूरत होती है।
उद्योग विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना से लाभ लेकर उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
बिहार लघु उद्यमी योजना से 40 हजार 102 लाभार्थियों को सीधे तौर पर वित्तीय सहायता दी गई है। इसके तहत 200 करोड़ रुपये इन लोगों के बीच वितरित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को 5 हजार रुपये की पहली किस्त के रूप में दी गई है। 22 जनवरी तक 8,354 लाभार्थियों को दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये प्रति व्यक्ति वितरित किए गए हैं, जिसमें राशि 83.54 करोड़ रुपए रही। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम औपचारिकीकरण योजना के तहत 13 हजार 396 उद्यमों को कुल 794 करोड़ 81 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है।