Bhopal। राजधानी के बैरागढ़ स्थित थ्री ईएमई सेंटर में आयोजित भूतपूर्व सैनिकों की रैली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। छह सालों के बाद भोपाल में यह कार्यक्रम हुआ, जिसमें 102 इंजीनियर रेजिमेंट के सैनिकों ने अपने जौहर का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने सैनिकों के करतब देखकर उनकी तारीफ की। कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम डॉ. मोहन यादव ने की। इस दौरान एससीएस होम एसएन मिश्रा और सेना के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भूतपूर्व सैनिकों, शहीदों की विधवाओं और परिजनों के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि शहीद के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि एकमुश्त दी जाती थी, लेकिन इसमें कठिनाई थी कि परिवार में वारिस के नाते से कानूनन यह माना जाता था कि पत्नी के अलावा और किसी को राशि नहीं दी जा सकती। हमने संशोधन कर दिया है कि आधी राशि पत्नी को और आधी माता-पिता को दी जाएगी। कई बार घर में जवान बेटी होती है और ऐसी घटना में उसका दोबारा विवाह करना हो या अन्य कारण होते हैं, इसलिए हमने इसमें संशोधन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मप्र से निकलकर देश की नौसेना का नेतृत्व दिनेश कुमार त्रिपाठी कर रहे हैं। इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है। वर्तमान की जीत का आधार भूतपूर्व सैनिक होते हैं, जो वर्तमान की सेना का हौसला बुलंद करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी वर्ल्ड वॉर हो, आजादी के पहले या बाद का हो, हमारी सेनाओं ने भारत और लोकतंत्र की रक्षा की है। आजादी के बाद हमारे साथ कई देश आजाद हुए थे, लेकिन उनकी हालत क्या हुई। उनका लोकतंत्र बिगड़ा, बाकी सिस्टम बिगड़ा। लेकिन भारत अगर वर्तमान में इतना मजबूत है तो उसकी सबसे बड़ी वजह हमारे सैनिकों का अनुशासनबद्ध रहते हुए जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। दुश्मन आंख दिखाए तो घर में घुसकर मारना, यह नरेंद्र मोदी का समय है। सेना का मनोबल बढ़ाने और देश का मनोबल ऊंचा रखने के लिए वह काम कर रहे हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि आज आपके सबके बीच मुझे हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है। जिन भूतपूर्व सैनिकों ने देश की रक्षा की, वे रिटायरमेंट के बाद भी राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। तीनों सेनाओं की तरफ से भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। हमारी सेनाएं सशक्त और समर्थ हैं। हमारी सेनाओं की नींव बहुत मजबूत है। आज हमारी सीमाएं जल, थल और हवा में सुरक्षित हैं। किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। भूतपूर्व सैनिकों ने अपने कौशल और परिश्रम से यह सुनिश्चित किया है कि भारत का ध्वज, गौरव और गरिमा सुरक्षित रहे।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश भले ही समुद्र तट से लगभग एक हजार किलोमीटर की दूरी पर हो, लेकिन यहां भारतीय नौसेना के लगभग 1500 पूर्व सैनिक और 258 वीर नारियां हैं। मप्र सरकार ने सदैव सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए काम किया है। सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों और परिजनों के लिए कई बड़े ऐलान किए:
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शहीदों की माताओं को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।
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शहीद की बेटी और बहन के विवाह में 51 हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे।
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मप्र में निवासरत द्वितीय विश्वयुद्ध के शहीदों की पत्नियों को 8 हजार प्रतिमाह से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह योगदान राशि दी जाएगी।
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ऐसे माता-पिता जिनकी बेटी सेना में है, उनके माता-पिता की सम्मान निधि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये की जाएगी।
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भूतपूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा। भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ सहित अन्य विभिन्न कोर्स में आरक्षण दिया जाएगा।
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सरकारी विभागों के ग्रुप सी और डी पदों पर पूर्व सैनिकों को आरक्षण मिलेगा।
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जिला सैनिक कार्यालय में सहायक ग्रेड 3 के स्तर पर पदों को बढ़ाने का फैसला किया गया है।