नई दिल्ली| सोशल मीडिया पर सांस रोककर ऑक्सीजन लेवल चेक करने का एक फार्मूला वायरल हो रहा है| दावा किया जा रहा है कि इस फार्मूले की मदद से आप जान सकते हैं कि आपको कोरोना संक्रमण है या नहीं|
कई व्हाट्सप्प और फेसबुक यूजर 26 सेकेंड का एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें लोगों से 20 सेकेंड तक सांस रोकने के लिए कहा जा रहा है| वीडियो में दावा किया जा रहा है कि अगर इतने लंबे समय तक अपनी सांस रोक लेते हैं तो आप कोरोना से मुक्त हो सकते हैं|
लेकिन आपको बता दे कि यह दावा झूठा है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बिना किसी परेशानी के 10 सेकेंड या इससे ज्यादा देर तक सांस रोक लेने का मतलब ये नहीं है कि आप कोरोना या किसी दूसरी फेफड़े की बीमारी से मुक्त हैं|
डॉक्टरों के मुताबिक, “सांस रोकने वाले इस टेस्ट को कोरोना वायरस से जोड़ना लोगों को गुमराह करना है, क्योंकि कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीज भी इतने लंबे समय तक सांस रोक सकते हैं|” इसलिए इस तरह सांस रोककर ये पता नहीं लगाया जा सकता कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं|