पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर)। जिले के पटमदा प्रखंड स्थित चिरूडीह गांव के किसान संजीव महतो ने एक बीघा खेत में शुगर फ्री शकरकंद की सफल खेती कर पूरे झारखंड में अलग पहचान बना ली है। खेती की इस नई पहल को उन्होंने आटी पुआल मशरूम प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डॉ. अमरेश महतो के मार्गदर्शन में महज तीन महीने पहले शुरू किया था, जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है।
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संजीव महतो ने जब खेत से एक शकरकंद का पौधा उखाड़ा, तो उसकी जड़ों में एक से दो किलो तक की उपज देख कर वे गदगद हो उठे। न केवल उपज शानदार रही बल्कि इसकी गुणवत्ता और स्वाद भी बेहतरीन है। इस मौके पर डॉ. अमरेश महतो, दीनबंधू ट्रस्ट के महासचिव नागेन्द्र कुमार, संजीव महतो के परिवार और आसपास के किसान मौजूद थे।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है यह शकरकंद
डॉ. अमरेश महतो ने जानकारी दी कि यह शुगर फ्री शकरकंद पारंपरिक शकरकंद की तुलना में कम चीनी और ग्लूकोज युक्त होता है, जो मधुमेह, कैंसर और गैस्ट्रिक जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए बेहद लाभकारी है। उन्होंने यह भी बताया कि इसी भूमि पर पेडीस्ट्रा मशरूम और कसावा की भी खेती की जा रही है, जो आने वाले समय में किसानों को आर्थिक रूप से और भी मजबूत बनाएगा।
मिशन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के तहत देशभर में फैलाने की योजना
डॉ. महतो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” मिशन का हवाला देते हुए कहा कि इस नई तकनीक और खेती के नवाचार को पूरे देशभर में फैलाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभान्वित हो सकें और जैविक एवं स्वास्थ्यवर्धक खेती की ओर कदम बढ़ाएं।