Ramgarh। गोला थाना क्षेत्र के पिपरा जारा गांव में दो घरों को बर्बाद करने वाला चोरी का आरोपित मुखिया उर्फ़ राहुल बेदिया भी जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है। साथ ही घटना के विरोध में पिछले 20 घंटे से ग्रामीणों का आंदोलन लगातार जारी है।
ग्रामीणों ने गोला-रजरप्पा पथ को जाम कर दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, शव सड़क पर ही पड़े रहेगें। ग्रामीण उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारी कानूनी प्रावधानों के अनुरूप सहायता राशि देने की बात कर रहे हैं। गोला अंचल अधिकारी समरेश प्रसाद भंडारी ने बताया कि ग्रामीणों के साथ वार्ता चल रही है। उनके साथ पुलिस पदाधिकारी भी मौजूद हैं। ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न ना हो।
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ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी प्रावधान के अनुसार जो मिलना है, वह तो मिलेगा ही लेकिन जिस व्यक्ति की गाड़ी है और जिसने चार जिंदगियां उजाड़ दी उसे भी पीड़ित परिवारों को सहायता राशि देनी चाहिए। गांव में धूम मांझी की 45 वर्षीया पत्नी मुनिया देवी, 22 वर्षीया बहू विलासी देवी, डेढ़ वर्षीय पोते निरंजन मांझी और संजय मांझी की 12 वर्षीया बेटी रोशनी कुमारी की मौत इस सड़क हादसे में हुई है। इसके अलावा तेज रफ्तार से आ रहे बोलेरो की टक्कर से 12 वर्षीया हेमंत कुमारी, 50 वर्षीया ठाकुर मनी देवी, 40 वर्षीया उर्मिला देवी, 12 वर्षीया रुपाली कुमारी, 40 वर्षीया पार्वती देवी और 18 वर्षीया लीला देवी भी घायल हुई है। उन सब का इलाज अस्पताल में कराया गया है।
ग्रामीणों ने पुलिस पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। गोला थाना पुलिस ने घटनास्थल से जब्त बोलेरो (जेएच 01बीजी 4500) की जांच की तो पता चला कि वह दो दिन पहले ही चोरी हो गई थी। यह चोरी किसी घर में नहीं, बल्कि रजरप्पा थाना परिसर में हुई थी। जिस गाड़ी की चोरी हुई थी, वह रजरप्पा थाने में पदस्थापित चौकीदार मनीष करमाली की है। ग्रामीणों को पुलिस की यह कहानी ही हजम नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस गाड़ी से पुलिस गश्त लगती थी, वही गाड़ी इस घटना में शामिल है। पुलिस की कहानी में कोई सच्चाई नहीं है।