मीरजापुर। फाइलों में सिमटी योजनाएं जब जमीन पर उतरती हैं तो असर साफ दिखता है। रविवार को कुछ ऐसा ही हुआ, जब शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी और लोक निर्माण विभाग के सचिव प्रकाश बिन्दु मिर्जापुर पहुंचे। उनके साथ रहीं जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन। दौरा महज़ खानापूर्ति नहीं था—सचिव ने खुद गांव की गलियों में जाकर टोटी से पानी निकाला, मवेशियों को माला पहनाई और निर्माणाधीन परियोजनाओं की परतें खोल डालीं।
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सचिव सबसे पहले पहुंचे विंध्य कॉरिडोर, जहां मंदिरों की भव्यता और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। उन्होंने निर्माणाधीन हिस्सों को बारीकी से देखा और अफसरों से कहा कि यह सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, आस्था का सवाल है। काम की रफ्तार और गुणवत्ता, दोनों दिखनी चाहिए।
कॉरिडोर के बाद काफिला पहुंचा बथुआ स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज। यहां सचिव ने छात्रावास, प्रशासनिक भवन, क्लासरूम और मल्टीपर्पज हॉल के निर्माण को देखा। बाउंड्री वॉल की धीमी रफ्तार पर तल्खी दिखाते हुए बोले— फिर से दौरा करूंगा, तब तक काम पूरा होना चाहिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन नगर मजिस्ट्रेट विनीत उपाध्याय, एसडीएम सदर गुलाब चंद्र, डिप्टी कलेक्टर शक्ति प्रताप सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, सीएण्डडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित कई अफसर मौजूद रहे।
बनकट में हर घर नल योजना पर की ‘घर-घर जांच’
शहरी परियोजनाओं से निकलकर सचिव पहुंचे गांव सादी बनकट, जहां ‘हर घर जल’ की हकीकत परखी। कमला देवी, रहमुल्ला, मालती देवी और एकलाख अहमद जैसे ग्रामीणों के घर पहुंचे, टोटी खोली और पूछा— पानी आता है?” जवाब मिला— सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे आता है, दोपहर में भी कभी-कभी। सचिव ने संतोष जताया लेकिन तकनीकी टीम को सतत निगरानी के निर्देश भी दिए।
बरकछा गौशाला में गायों को केला और माला
दौरे का सबसे मानवीय पहलू दिखा जब सचिव पहुंचे बरकछा स्थित गौ आश्रय स्थल। यहां उन्होंने गौवंशों की संख्या, देखरेख और चारे की स्थिति जानी। पशु डॉक्टर ने बताया कि सभी पशुओं की ईयर टैगिंग और नियमित हेल्थ चेकअप होता है। सचिव ने वहां खुद गायों को गुड़ और केला खिलाया और माला पहनाकर सेवा भावना का परिचय दिया। भूसा रजिस्टर और स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी उन्होंने खुद चेक किया।
योजनाएं सिर्फ रिपोर्ट में नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए
निरीक्षण के अंत में सचिव प्रकाश बिन्दु ने कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर नहीं, आमजन की जिंदगी में बदलाव लाएं। इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही जरूरी है।