गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में नागपंचमी के अवसर पर आयोजित परंपरागत कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह में कहा कि खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार ने खजाना खोल रखा है। उन्हें तरजीह दे रही है।
विजयी पहलवानों को पुरस्कृत करने के पूर्व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ आदि प्रतियोगिताओं में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति दी जा चुकी है। इन प्रतिस्पर्धाओं के पदक विजेताओं पर लाखों, करोड़ों रुपये की धनवर्षा भी हो रही है।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान से गांव-गांव खेल और खिलाड़ियों को जो प्रोत्साहन मिला है, उसका परिणाम है कि आज हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसके तहत हर गांव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्टेडियम व मिनी स्टेडियम बने हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल, 39 तरणताल, 2 इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमेट्री, 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हाल, 11 वेटलिफ्टिंग हाल बनाए जा चुके हैं। तीन स्पोर्ट्स कॉलेज व 44 क्रीड़ा छात्रवासों के जरिये 16 प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ियों का भत्ता 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। स्पोर्टस होस्टल के खिलाड़ियों के व्यय राशि को वर्ष 1994 से रिवाइज नहीं किया गया था। खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, इसके लिए 1.50 लाख रुपये के मानदेय पर 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बतौर प्रशिक्षक रखने की स्वीकृति दी गई है। खिलाड़ियों के लिए अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने के साथ ही एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020 को प्राख्यापित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8.55 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 5 लाख तथा मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए राज्य सरकार 15 लाख रुपये का अनुदान दे रही है। मेरठ में प्रदेश के पहले स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि एक जिला एक खेल योजना के तहत खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी हर प्रकार की सुविधा व सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट को 6 करोड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओलंपिक, एशियन गेम्स, कामनवेल्थ में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों को भारी पुरस्कार राशि दिए जाने की व्यवस्था की गई है। ओलंपिक एकल स्पर्धा में गोल्ड मेडलिस्ट को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को 3 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। ओलंपिक की टीम स्पर्धा में यह राशि क्रमशः 3, 2 व 1 करोड़ होगी। एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता को 3 करोड़, रजत पदक विजेता को 1.5 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेता को 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कामनवेल्थ खेल तथा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को 1.5 करोड़, रजत पदक विजेता को 75 लाख व कांस्य पदक विजेता को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह सैफ खेलों में एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता को 6 लाख, रजत पदक विजेता को 4 लाख तथा कांस्य पदक विजेता को 2 लाख रुपये मिलेंगे। टीम स्पर्धा में यह धनराशि क्रमशः 2 लाख, 1 लाख व 50 हजार रुपये होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 10 लाख तथा एशियन गेम्स व कामनवेल्थ में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का भी निर्णय लिया गया है।
प्रतिमाह वित्तीय सहायता भी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न व खेल के क्षेत्र में पदम् पुरस्कार करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार ने प्रतिमाह 20 हजार रुपये वित्तीय सहायता की व्यवस्था की है। संकट में आए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये, राष्ट्रीय खिलाड़ियों को 6 हजार तथा राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को प्रतिमाह 4 हजार रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार पुरुष वर्ग में लक्ष्मण पुरस्कार तथा महिला वर्ग में रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार देती है। इसके तहत लक्ष्मणजी व रानी लक्ष्मीबाई की कांस्य प्रतिमा के साथ खिलाड़ियों को 3.11 लाख रुपये की नकद धनराशि दी जाती है।
भारतीय शौर्य व पराक्रम का प्रदर्शन है कुश्ती
सीएम योगी ने कहा कि कुश्ती प्राचीन काल से हैं भारतीय शौर्य व पराक्रम के प्रदर्शन का माध्यम रही है। रामायण काल में बजरंगबली से लेकर महाभारत काल मे भीम तक के पराक्रम को हम सभी जानते हैं। आधुनिक काल में भी हमारे पहलवानों ने वैश्विक मंच पर देश को नई पहचान दी है। वर्तमान में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भी कुश्ती में बेहतर सफलता मिलती दिख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि गांव, न्याय पंचायत, ब्लॉक व तहसील स्तर पर भी कुश्ती की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। इससे खेलो इंडिया के अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे ही कबड्डी, वालीबाल, खो-खो आदि की प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो सकती हैं।
नागपंचमी की बधाई दी
उन्होंने सभी को नागपंचमी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि नाग शक्ति के देवता है। हम सबके अंदर भी कुंडलिनी की शक्ति होती है। यह पर्व हमें इसी शक्ति के जागरण का स्मरण दिलाता है। नाग पंचमी भारतीय परंपरा में जीव-जंतुओं के प्रति अनुराग, मैत्री व करुणा का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है।
सीएम योगी के खेल प्रेम के सभी हुए मुरीद
कुश्ती प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खेल प्रेम के सभी मुरीद हो गए। सीएम योगी ने गोरखपुर वीर अभिमन्यु, गोरखपुर कुमार व गोरखपुर केसरी खिताब के लिए फाइनल मुकाबले का अवलोकन किया और ताली बजाकर पहलवानों का उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गोरखपुर केसरी का खिताब जीतने वाले भगत सिंह यादव, गोरखपुर कुमार का पुरस्कार जीतने वाले अनिल यादव, गोरखपुर वीर अभिमन्यु पुरस्कार जीतने वाले जनार्दन यादव को गदा व नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इन तीनों खिताबों के लिए उप विजेताओं को भी मंच पर बुलाकर पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर विधायक राजेश त्रिपाठी, डॉ विमलेश पासवान, विपिन सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद, हॉकी यूपी के उपाध्यक्ष धीरज सिंह हरीश, जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष दिनेश सिंह, जिला कबड्डी संघ के अध्यक्ष अरुणेश शाही आदि मौजूद रहे।