Shimla। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में इसके लिए कड़े फैसले लिए जाएंगे जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 14 महीने में लिए गए फैसलों से राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश हित मेें कड़े फैसले लिए जाएं और कड़े कानून बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता को कुछ समय के लिए परेशानी आ सकती है लेकिन इनके परिणाम सुखद होंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वीरवार को हिमाचल विधानसभा में वितीय वर्ष 2024-25 के राज्य बजट पर चार दवसीय चर्चा का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों को लेकर प्रदेश सरकार संवेदनशील है और कानूनी पहलुओं पर विचार कर इन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने जेओए पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों की नियुक्ति में आए विलंब के लिए पूर्व सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है और पहली कैबिनेट में कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग पूरी की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को एक मार्च 2024 से लीव कैशमेंट और गेच्यूटी चरणबढ़ तरीके से दी जाएगी। पूर्व सरकार ने कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ देनदारियां छोड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक फायदे देने के लिए लाभ नहीं दे रही है, बल्कि कर्मचारी प्रदेश के विकास में अपनी गाथा लिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले एक साल में शिक्षा के स्तर पर व्यापक सुधार लाए गए। गुणात्मक शिक्षा में सुधार लाने के लिए राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के अटल आदर्श विद्यालय को सरकार बंद नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। आबकारी विभाग में शराब के ठेकों की नीलामी से सरकार ने 400 करोड़ का राजस्व जुटाया है। उन्होंने सीनियर रैजिडेंट डाॅक्टरों के मानदेय को 33 हजार से बढ़ाकर 40 हजार करने, मल्टी टास्क वर्कर के मानदेय में 500 रूपये की बढ़ौतरी की घोषणा की। उन्होंने शिमला के सर्कुलर रोड़ को चैड़ा करने के लिए 45 करोड़ रूपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शिमला शहर में नवबहार से आईजीएमसी तक टनल बनाने की भी घोषणा की, जिस पर 200 से 300 करोड़ की धनराशि खर्च होगी।
उन्होंने ज्वालामुखी व चुआड़ी में आईपीएच का डिविजन खोलने का भी एलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा का डटकर मुकाबला करते हुए प्रभावितों को राहत पहुंचाई, जबकि विपक्ष इस मुददे पर प्रभावितों की सुध लाने की बजाय राजनीति करने में व्यस्त रही। मुख्यमंत्री ने जब कहा कि आपदा में जब लोग जूझ रहे थे, तो विपक्षी भाजपा विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही थी। इस पर विपक्षी सदस्य भड़क गए और नारेबाजी व शोर-शराबा करने लगे तथा उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया।