Bhopal: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि आज प्रदेश में लाड़ली बहना योजना लोकप्रिय हो रही है। इसके पहले वर्ष 2017 में प्रदेश में रहने वाली तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों- बैगा, भारिया और सहरिया के परिवारों को प्रतिमाह एक हजार रुपये आहार अनुदान योजना में देना शुरू किया था। इस योजना की इम्पेक्ट स्टडी में ज्ञात हुआ कि जनजाति परिवारों ने प्राप्त राशि बच्चों के पोषण पर खर्च की। इससे इन परिवारों के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आया। यह तथ्य लाड़ली बहना योजना के लिये प्रेरणादायी बना।
मुख्यमंत्री मंगलवार को एन-डीएपी अर्थात राष्ट्रीय डेटा विश्लेषिकी प्लेटफार्म की उपयोगिता पर केंद्र सरकार के नीति आयोग के सहयोग से हो रही कार्यशाला को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित रहे थे। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना की राशि भी बहनों द्वारा अपने बच्चों के पोषण पर खर्च करने की बात सामने आई है। परिवार की अन्य जरूरतों के लिये भी राशि काम आ रही है। मध्यप्रदेश में कभी बेटियाँ बोझ मानी जाती थी। निरतंर प्रयासों से लिंगानुपात में सुधार के साथ ही महिला सशक्तिकरण का कार्य हुआ है। लाड़ली बहना योजना से प्रदेश की बहनों की जिंदगी बदल रही है।
योजनाओं का प्रभाव देखना आवश्यक
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म का मंत्र दिया है। मध्यप्रदेश भी इस मंत्र की सिद्धी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एग्पा (अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान) और मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग की मिली-जुली पहल से प्रभाव आंकलन केन्द्र, डेटा आधारित सुशासन व्यवस्था को साक्ष्य अधारित सुशासन व्यवस्था में अपग्रेड करने का महत्वपूर्ण कदम है। योजनाओं का प्रभाव देखने के लिये मूल्यांकन एवं प्रभाव आंकलन केन्द्र स्थापित किया गया है। अब तक नीतियों के प्रभावी होने और विकास से जुड़े सवालों के जवाब प्राप्त करने के लिये संस्थागत व्यवस्था नहीं थी। एग्पा में स्थापित यह केन्द्र योजनाओं के आमजन पर प्रभाव और उनकी जिंदगी में बदलाव लाने से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने का कार्य भी करेगा। योजनाओं का मूल्यांकन कर साक्ष्य प्रस्तुत करने और योजनाओं के सुधार के लिये रचनात्मक सुझाव देने का कार्य भी हो सकेगा। प्रदेश में आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के अधिकारी-कर्मचारी विश्वसनीय सांख्यिकी जुटाने का जिम्मा संभाल रहे हैं। टीम बधाई की पात्र हैं।
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चाइल्ड और जेन्डर बजटिंग
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2007 से जहां जेन्डर बजटिंग की शुरूआत की गई वहीं 2022 से आउटकम ओरिएंटेड चाइल्ड बजटिंग को अपनाया गया। यह कार्यशाला राज्य शासन, सार्वजनिक वित्त संस्थान, निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर मध्यप्रदेश के समग्र विकास के लिये चाइल्ड एवं जेंडर सेंसटिव बजटिंग की उपयोगिता को प्रतिष्ठित करेगी।
मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य मप्र : प्रो. चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य है। योजनाओं के प्रभाव के आंकलन के लिये प्रदेश में युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। अनुपूरक बजट में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन के लिये राशि के प्रावधान और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों के लिये स्थाई व्यवस्थाएँ की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा योजनाओं के थर्ड पार्टी असेसमेंट के सुझाव को अपनाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह एशियन डेवलपमेंट बैंक ने मूल्यांकन के लिये पृथक ऑफिस बनाया है, वैसा ही मध्यप्रदेश में अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन स्तर को परखने के लिये व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल (एग्पा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राघवेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मुकेश चंद्र गुप्ता उपस्थित थे।