वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सावन माह की तैयारियां चल रही है। धाम में आने वाले लाखों शिवभक्तों के दर्शन पूजन की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने पूरी तैयारी की हैं । सावन माह के चारों सोमवार पर इस बार भी परम्परानुसार बाबा का अलग—अलग श्रृंगार होगा। इसमें सावन माह के पहले सोमवार 14 जुलाई को बाबा के चल प्रतिमा का श्रृंगार होगा। दूसरे सोमवार 21 जुलाई को बाबा का गौरी-शंकर (शंकर-पार्वती) श्रृंगार,तीसरे सोमवार 28 जुलाई को अर्धनारीश्वर श्रृंगार और चौथे व आखिरी सोमवार को रुद्राक्ष श्रृंगार और सावन मास के पूर्णिमा को झूला श्रृंगार का श्रद्धालु दर्शन करेंगे।

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगठित दर्शन प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए उन्हें मंदिर में पॉच मार्गों गेट नं. 04,नंदू फेरिया प्रवेश मार्ग, सिल्को प्रवेश मार्ग,ढुंढिराज प्रवेश मार्ग और सरस्वती फाटक प्रवेश मार्ग से प्रवेश मिलेगा। धाम में इन द्वारों से दर्शनार्थियों का प्रवेश होता है, किंतु गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ललिता घाट से श्रद्धालुओं का प्रवेश अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जा सकता है। मंदिर न्यास के अनुसार पूरे सावन मास में विशेष मांग (प्रोटोकॉल) के दर्शन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए किसी भी प्रकार की विशेष दर्शन की अपील स्वीकार्य नहीं होगी। मंदिर न्यास ने विशिष्ट जनों से अपील किया है कि सावन माह में कोई प्रोटोकॉल अनुरोध न भेजें। ऐसे किसी भी अनुरोध को स्वीकार करना संभव नहीं होगा। मंदिर में कतारबद्ध श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। ऐसे में श्रद्धालु दर्शन अवधि लंबी होने के कारण खाली पेट कतार में न लगें, अन्यथा स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
—मंदिर में निषिद्ध वस्तुएं लेकर न जाए
श्रावण मास में श्री काशी विश्वनाथ धाम में बैग, मोबाइल, पेन, धातु की वस्तुएं इत्यादि के साथ प्रवेश संभव नहीं होगा। श्रद्धालु यह वस्तुएं अपने घर, होटल, धर्मशाला या अन्य ठहरने के स्थान पर छोड़कर ही आएं। अत्यधिक भीड़ के कारण धाम में स्थापित निःशुल्क बैगेज काउंटर संचालित नहीं होंगे। धाम में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुल पाँच स्थानों पर चिकित्सकीय टीम की तैनाती की जाएगी। हेल्थ डेस्क पर तीन पाली में डॉक्टरों की ड्यूटी लगेगी। मंदिर न्यास द्वारा प्रत्येक पाली में दो डॉक्टरों की टीम उपलब्ध रहेगी। साथ ही मंदिर की दो एंबुलेंस कार्यरत रहेंगी, जिनमें से एक एंबुलेंस में एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) की सुविधा उपलब्ध होगी, जो किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तत्पर रहेगी। अत्यधिक भीड़ को ध्यान में रखते हुए धाम में छह स्थानों पर खोया-पाया केंद्र की स्थापना की जाएगी।
— डिजिटल दर्शन
स्मार्ट सिटी के सहयोग से धाम परिसर एवं नगर के विभिन्न स्थलों पर भगवान विश्वनाथ की आरती एवं श्रृंगार के डिजिटल दर्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। गत वर्ष की भांति, वृद्धजन, निशक्तजन, दिव्यांगजन, एवं अत्यधिक भीड़ के कारण भौतिक रूप से दर्शन से वंचित रह जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। साथ ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी भगवान के दर्शन की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की जाएगी।


