New Delhi : मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। बुधवार दोपहर दो बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट का फैसला किया। वॉकआउट के उपरांत कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा के साथ ही इस मुद्दे पर सदन ने प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं। सरकार, मणिपुर की स्थिति पर सदन में चर्चा के लिए पूरी तरह से वैध मांगों को अस्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस निरंतर और अड़ियल इनकार के विरोध में, इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों ने राज्यसभा से वाकआउट किया।
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इस गठबंधन का हिस्सा और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने भी कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने बुधवार दोपहर राज्यसभा से वॉकआउट किया। लगातार पांचवें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) संसद के अंदर बोलने से बचते रहे। भाजपा मणिपुर पर चर्चा से भाग रही है। विपक्षी दल सदन के अंदर मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी विपक्षी दल मॉनसून सत्र के पहले दिन (20 जुलाई) से मणिपुर पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में तीन मई को जातीय संघर्ष हुआ था, तब से अब तक वहां सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मणिपुर पर विपक्षी सांसदों की मांगों के मद्देनजर अब तक संसद का सत्र हंगामेदार रहा है। राज्यसभा में बुधवार को भी मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर हंगामा हुआ।