बृजनंदन राजू।
लखनऊ, 27 फरवरी । जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि भारत को आध्यात्मिक स्वतंत्रता दिलानी है। हमें अब समान नागरिक संहिता चाहिए। इससे देश का असंतुलन समाप्त होगा। उन्होंने रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ और गंगा को राष्ट्रीय नदी और हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हमें आहत कर रहे थे। अब हमारा लक्ष्य है पूरा कश्मीर लेने का। वे शनिवार को अर्जुनगंज में महा मना शिक्षण संस्थान के दीक्षारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संत रविदास धर्म और सेवा के कार्य को आगे बढ़ाया। वही क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद को याद करत हुए उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आजाद अंतिम समय तक आजाद रहे।
दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने भारतीय संस्कृति व परंपराओं के आधार परकी परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान किया था। आधुनिक भारत के निर्माण व स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महामना मालवीय शिक्षण संस्थान महामना मदन मोहन मालवीय के आदर्शों पर चलकर विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चेतना निर्माण करने में सहायक होगा।
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार, अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल, सह प्रांत प्रचारक मनोज, संघ के वरिष्ठ प्रचारक अशोक उपाध्याय, अशोक केडिया, आरोग्य भारती के संग्राम सिंह, सामाजिक सद्भाव के प्रांत प्रमुख राजेंद्र, लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश, केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस.एन.शंखवार, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन, अवध प्रांत के सह प्रचार प्रमुख डॉ एमएलबी भट्ट उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ संदीप तिवारी ने किया। महामना शिक्षण संस्थान के सचिव राजीव तिवारी ने आभार व्यक्त किया। दीक्षा कार्यक्रम के मुख्य यजमान सपत्नीक डॉ नरेन्द्र अग्रवाल रहे।
भारत हमारा रत्न कमल प्यारा देश है गीत की सुन्दर प्रस्तुति हुई। महामना मालवीय जी के जीवन आदर्श और उनके द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निर्माण पर नाटक का मंचन किया गया।