नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने यादगार प्रदर्शन करते हुए पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली. सोमवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल में भारत ने वर्ल्ड नंबर-4 ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से मात दी. जीत की नायिका गोलकीपर सविता पूनिया रहीं, जिन्होंने कुल 9 बेहतरीन बचाव किए. वहीं, भारत के लिए एकमात्र और निर्णायक गोल गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किया. अब सेमीफाइनल में भारत का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा, जिसने जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है. भारतीय पुरुष टीम पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है.
पहले क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने कुछ बेहतरीन मौके बनाए, लेकिन वह गोल नहीं कर सकी. खेल के नौंवे मिनट में वंदना कटारिया का शॉट पोस्ट पर लगते हुए बाहर निकल गया. ऑस्ट्रेलिया के पास भी गोल करने के मौके थे, लेकिन भारतीय डिफेंस को वह भेद नहीं पाई.
दूसरे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा शुरुआती पांच मिनट तक काफी भारी रहा. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय गोलकीपर और डिफेंडरों ने इस मौके को नाकाम कर दिया. फिर भारत को मैच के 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने गोल में तब्दील कर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी.
तीसरे और चौथे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया को कुल छह पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने इन मौकों को फिर से नाकाम कर दिया. हालांकि तीसरे क्वार्टर के 43वें एवं 44वें मिनट में भारत को भी स्कोर करने करने के मौके मिले. लेकिन नवनीत कौर और रानी रामपाल इसे भुला नहीं सकीं.
भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 के मॉस्को खेलों में में रहा था. उस समय भारत छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी. अब टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला टीम का चौथे स्थान रहना तो सुनिश्चित हो ही चुका है. सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराते ही महिला टीम पहली बार ओलंपिक में पदक जीतना पक्का कर लेगी.