New Delhi: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा (Tribal Affairs Minister Arjun Munda) ने कहा कि कृषि वानिकी को बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। इस दिशा में तेजी से काम किया जाना चाहिए।
मुंडा ने सोमवार को कृषि भवन में कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार के लिए फ्रेमवर्क एवं कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रीडिएशन प्रोटोकॉल का विमोचन करते हुए कहा कि कृषि वानिकी नर्सरी के एक्रीडिएशन प्रोटोकॉल, देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर रोपण सामग्री के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था को मजबूत करेंगे।
मुंडा ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र, अर्थव्यवस्था व करोड़ों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। देश के कार्यबल का 54.6 फीसदी कृषि व संबंध क्षेत्रों की गतिविधियों में लगा हुआ है। जीडीपी में जहां कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 18.6 फीसदी है, वहीं 139.3 मिलियन हेक्टेयर, देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में से बोया गया क्षेत्र है।
मुंडा ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने छोटे-मझौले किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से देश के कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार (वीसीएम) को बढ़ावा देने का फ्रेमवर्क तैयार किया है। किसानों को कार्बन बाजार से परिचित कराने से उन्हें फायदा होने के साथ ही पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी तेजी आयेगी। उन्होंने किसानों के हित में कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्यों के संबंधित मंत्रालयों सहित अन्य संबद्ध संगठनों से पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों के किसानों के साथ मिलकर उनके लिए सुविधाजनक ढंग से इस दिशा में कार्य किया जाना चाहिए व समाधान के साथ ही हमारे किसानों पर इसका लाभ केंद्रित करने की जरूरत है।