लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में टूट के बाद चाचा-भतीजे में मनमुटाव हो गया था. राम विलास पासवान के निधन के कुछ महीनों के बाद चिराग पासवान को छोड़कर पार्टी के अन्य सांसद पशुपति पारस की तरफ चले गए थे और उन्हें पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था. इसके बाद, चिराग यह लड़ाई कोर्ट में भी लेकर गए. वहीं, जुलाई महीने में हुए मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. पारस को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पशुपति पारस पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे थे. यहां पर वे आभार यात्रा निकाल रहे हैं. जानकारी के अनुसार, जब पारस का काफिला हाजीपुर पहुंचा, उसी दौरान वहां कुछ चिराग पासवान के भी समर्थक पहुंच गए. इसी दौरान एक महिला समर्थक ने पारस पर स्याही फेंक दी.
वहीं, जून महीने में पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा होने के बाद पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया गया था. इसके बाद, चिराग ने अपने चाचा पर हमला बोलते हुए कहा था कि पार्टी संगठन से बनती है, सांसद-विधायक तो आते-जाते रहते हैं. दुनिया की शायद ही कोई ऐसी पार्टी होगी, जहां पर लोग दूसरी पार्टी में नहीं गए होंगे. उन्होंने कहा था कि उन्हें खुद के लोगों द्वारा धोखा दिए जाने की वजह से ज्यादा दुख हुआ है.