पटना: भारत जगतगुरु था, है और रहेगा। वेद ही सत्य सनातन है। शिक्षा सही और गलत दोनों सिखाती है। आज शिक्षा की नहीं, विद्या की जरूरत है। विद्या का ज्ञान वही दे सकता है जो वेद की वाणी को समझता है। वैदिक शिक्षा में भाषावाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद समेत सभी बुराइयों से निबटने की ताकत है। ये बातें शनिवार को मीठापुर स्थित दयानंद विद्यालय में चल रहे विराट आर्य महासम्मेलन सह राष्ट्र निर्माण महायज्ञ के पांचवें दिन शिक्षा सम्मेलन और राष्ट्र रक्षा सम्मेलन में वक्ताओं ने कहीं।
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शिक्षा सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सनातन के 16 संस्कारों में जन्म पहला और मृत्यु अंतिम संस्कार है। दोनों में वैसे लोगों की जरूरत पड़ती है जिन्हें अछूत समझा जाता है। छुआछूत के जरिये सनातन को मिटाने की साजिश की जा रही है। आर्य समाज अस्पृश्यता का कलंक मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान सह विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने कहा कि शिक्षा के अग्रदूत स्वामी दयानंद सरस्वती के सपनों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य ने कहा कि सूर्य की तरह सनातन भी अनादि है। आज देश को आर्य समाजी विचार और व्यक्ति की दरकार है।
राष्ट्र रक्षा सम्मेलन में सभा के मुख्य संरक्षक व पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि भगत, आजाद, बिस्मिल, राजगुरु, सुखदेव, अशफाक जैसे क्रांतिकारियों को बलिदान की प्रेरणा आर्य समाज से मिली। राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता के लिए आज यह संगठन वैसे ही देशभक्तों की टोली तैयार कर रहा है। सम्मेलन में विधायक अरुण कुमार सिन्हा, अंजलि आर्य, गौतम खट्टर, राकेश कुमार आर्य, स्वामी ओमानंद परिव्राजक, महंथ प्रसाद आर्य समेत कई गणमान्य लोगों ने अपने विचार रखे। सभा के प्रधान डॉ. चौरसिया ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। मंच संचालन आचार्य प्रभामित्र शास्त्री ने किया। कार्यक्रम के दौरान भजन, प्रवचन और उपदेश भी चलते रहे।
सुबह में वेद पाठ और मंत्रोच्चार के बीच सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री दीपक चौरसिया समेत कई यजमानों ने सपरिवार यजुर्वेद पारायण महायज्ञ में आहुति दी। रविवार सुबह महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।