लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा महर्षि वाल्मीकि महापुरुषों की परम्परा के भाग्य विधाता हैं। भारत का हर कथावाचक सबसे पहली वंदना भगवान वाल्मीकि की करते हैं। वह जिस पीठ पर बैठते हैं, वह व्यास पीठ कही जाती है। भारत के देवतुल्य ऋषियों की परम्परा ने सभी कालखंड में समाज का मार्गदर्शन किया। रामायण कालखंड में महर्षि वाल्मीकि, महाभारत कालखंड में महर्षि वेदव्यास, मध्यकाल में सद्गुरु रविदास और देश जब आजादी की लड़ाई लड़ रहा था तो बाबा साहेब समाज का मार्गदर्शन करते दिखाई देते थे। सभी की दृष्टि एक है।
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मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि समाज के लोगों से कहा कि आपकी सुरक्षा समाज की सुरक्षा है। आपका सम्मान भगवान वाल्मीकि की विरासत का सम्मान है। सीएम ने इस दौरान उन्हें खुशखबरी भी दी और कहा कि अभी बड़ा कार्य करने जा रहे हैं। सफाई, संविदा कर्मचारी को अब आउटसोर्सिंग कम्पनी नहीं, बल्कि सरकार का कॉरपोरेशन सीधे अकाउंट में पैसा देगा। स्वच्छता कर्मियों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर भी देंगे। जब अकाउंट में कॉरपोरेशन से पैसा आएगा तो यह व्यवस्था करेंगे कि दुर्भाग्य से किसी सफाई कर्मचारी के साथ घटना-दुर्घटना हुई या वह आपदा की चपेट में आ गया तो बैंक से बात करेंगे कि बैंक के माध्यम से 35-40 लाख रुपये देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। यूपी के 80 हजार होमगार्ड को यह कवर दे दिया गया है। अब सफाई कर्मचारियों को इस व्यवस्था से जोड़ने जा रहे हैं।
सीएम योगी मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस समारोह में शामिल हुए। सीएम ने भगवान वाल्मीकि की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। कार्यक्रम में लघु फिल्म भी दिखाई गई।
–चरित्र से युक्त व्यक्ति ही लोककल्याण व राष्ट्र कल्याण का माध्यम बन सकता है
सीएम योगी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि भारत के महापुरुषों की परम्परा के भाग्य विधाता हैं। तप और साधना से तपे हुए ऋषि को जब लेखनी चलानी थी, तब लोककल्याण व मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने और नई कृति की रचना के लिए उन्होंने हजारों वर्ष पहले देवर्षि नारद से प्रश्न किया कि चरित्र से युक्त कौन ऐसा व्यक्ति है, जिसके बारे में मैं कुछ लिख सकूं। क्योंकि महर्षि वाल्मीकि जानते थे कि चरित्र से युक्त व्यक्ति ही लोककल्याण व राष्ट्र कल्याण का माध्यम बन सकता है। स्वामी विवेकानंद जब शिकागो की धर्मसभा में गए तो उनकी वेशभूषा देख विदेशी हंस रहे थे। तब उन्होंने कहा कि तुम्हारी पहचान पहनावे से बनती है, लेकिन हमारे देश और हमारी पहचान चरित्र से बनती है। हमारे लिए चरित्र महान है।
–भगवान वाल्मीकि का कृतज्ञ है मानव समाज
सीएम योगी ने कहा कि वाल्मीकि रामायण लिखते समय उन्होंने पूरी कथा को राम पर आधारित किया। उन्होंने यह भी बताया कि राम को क्यों आधार बनाया, क्योंकि राम ही साक्षात धर्म हैं। मानव समाज भगवान वाल्मीकि का कृतज्ञ है। जब भी किसी भारतीय के मन में संदेह पैदा होता है तो महर्षि वाल्मीकि ने हर स्थिति में जो आदर्श रखा, वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का था। उन्होंने राम के चरित्र को दिया, जो हर काल, देश, परिस्थिति में प्रासंगिक है। भाई-भाई, पिता-पुत्र, मां-बेटे, राजा-प्रजा में क्या रिश्ते होने चाहिए, उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम कहकर यह भाव भरा। राम ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखा का कभी उल्लंघन नहीं किया।
–सपा के समय सफाईकर्मियों को चार हजार रुपये भी नहीं मिल पाता था
सीएम ने कहा कि सपा के समय में सफाई कर्मियों का शोषण होता था। इन्हें चार हजार रुपये भी नहीं मिल पाता था, लेकिन पीएम ने सबसे पहले कहा कि मैला सिर पर ढोने की कुप्रथा बंद होनी चाहिए। आज हर घऱ में शौचालय बना। सफाई कर्मचारियों में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देते हुए अच्छे मानदेय की व्यवस्था हुई। हर गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो, उसमें स्वच्छता मित्रों को मानदेय देने का कार्य नियमित रूप से देने का आदेश जारी किया गया।
विधान परिषद सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, बृजलाल, अनूप प्रधान ‘वाल्मीकि’, पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी आदि मौजूद रहे।