भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास की ऐसी राह निकाली गई है, जो इस बात के लिए प्रत्येक नागरिक को आश्वस्त कर सकती है कि मध्यप्रदेश विकास में नंबर-एक पर रहेगा। प्रदेश प्रगति की लंबी उड़ान भरेगा। आज प्रदेश के विभिन्न जिलों में 53 हजार 5 करोड़ से अधिक लागत के 14 हजार 375 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन हो रहा है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास के लिए आवश्यक वित्तीय साधन जुटाएगी। यह सरकार का कर्तव्य है। विकास का महायज्ञ चलता रहेगा। सिंचाई का क्षेत्र हो या बिजली उत्पादन का, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना हो या पेयजल, शिक्षा और जनकल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन हो, सभी कार्यों के लिए सरकार बजट की व्यवस्था करती रही है और आगे भी करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को भोपाल के रवींद्र भवन में प्रदेशव्यापी विविध विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास और लोकार्पण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारियों और विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को विकास के इस महायज्ञ में सक्रिय भागीदारी के लिए बधाई दी। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर इस कार्यक्रम के प्रसारण के अवसर पर मंत्रीमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगरों के महापौर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को नई सिंचाई और सड़क योजनाओं के प्रारंभ होने पर बधाई दी।
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भोपाल और पड़ोसी जिलों के लिए करीब साढ़े नौ हजार करोड़ लागत की चार बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजधानी भोपाल से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए भी स्वीकृति दी। इनमें अयोध्या बायपास पर सिंधिया चौराहे से रत्नागिरि चौराहे तक सर्विस रोड सहित 6 लेन मार्ग बनेगा,जिसकी लंबाई 16 किलोमीटर होगी, शामिल है। इस निर्माण से भोपाल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन तक मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस कार्य की लागत 1050 करोड़ होगी। इसी तरह 140 किलोमीटर लंबाई के इंदौर रिंग रोड का निर्माण होगा, जिसकी लागत 6500 करोड़ रूपए होगी। उन्होंने संदलपुर-भैरूंदा-बुधनी-बाड़ी जो दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगा, उसे 4 लेन में बदलने की स्वीकृति दी, इस कार्य की लागत 1525 करोड़ होगी, यह नर्मदा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 146 के अंतर्गत भोपाल-विदिशा खंड में 42 किलोमीटर के 4 लेन मार्ग की स्वीकृति भी दी गई। इसकी लागत 1248 करोड़ होगी। आनंद नगर चौराहे के पास एलीवेटेड फ्लायओवर भी स्वीकृत किया गया।
पशुपतिनाथ लोक विकसित होगा, पांर्ढुना और मैहर जिलों का सृजन सम्पन्न
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदसौर के पशुपतिनाथ लोक के लिए वर्चुअल भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के विकास के अंतर्गत पशुपतिनाथ लोक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के भ्रमण के लिए विकसित किया जाएगा। आज विकास योजनाओं की शुरूआत के अवसर पर दो नवीन जिलों पांढुर्ना और मैहर के सृजन का औपचारिक कार्यक्रम भी वर्चुअल रूप से संपन्न हुआ। उन्होंने कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल द्वारा प्रकाशित सुशासन और विकास प्रतिवेदन: 2023 का विमोचन किया। यह प्रतिवेदन गत 15 वर्ष में मध्य प्रदेश में डिजिटलीकरण और सुशासन के ठोस प्रयासों पर आधारित है। संस्थान के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें विभिन्न विभागों की 9 केस स्टडी के उल्लेख सहित डिजिटलीकरण के फलस्वरूप सालाना करीब 63 हजार करोड़ के योगदान को रेखांकित किया गया है। सुशासन संबंधी अनेक सुझावों को भी इस वार्षिक प्रतिवेदन में शामिल किया गया है।
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मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास का ब्यौरा दिया
मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्र में हुए कार्यों का विस्तार से विवरण दिया। उन्होंने बताया कि आज मध्यप्रदेश बीमारू नहीं बल्कि बेमिसाल राज्य बना है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। सात बार प्रदेश ने कृषि कर्मण अवार्ड जीता है। अटल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, विंध्य एक्सप्रेस-वे सहित अनेक हाई-वे निर्मित हो रहे हैं। प्रदेश में 20 वर्ष पूर्व सिर्फ 50-60 हजार किलोमीटर सड़कें थीं, लेकिन आज 5 लाख किलोमीटर लंबाई में सड़कें हैं। अनेक क्षेत्रों में कायाकल्प हुआ है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना में 44 लाख से अधिक मकान बन गए हैं। सिंचाई क्षमता 47 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। मध्यप्रदेश कभी अंधेरों का प्रदेश था। ऊर्जा उत्पादन आज 29 हजार मेगावॉट तक पहुंच गया है। प्रदेश के 65 लाख से अधिक परिवारों तक शुद्ध नल से जल पहुंच रहा है। सीएम राइज विद्यालय में खेल मैदान, पुस्तकालय, प्रयोगशाला की सुविधाएं हैं। स्मार्ट क्लास में नई दिल्ली और मुम्बई के शिक्षक भी वर्चुअली शिक्षा देने का कार्य करते हैं। ग्लोबल स्किल पार्क 600 करोड़ की लागत से बना है। कभी सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज होते थे, अब 19 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई और शीघ्र ही प्रदेश में 31 मेडिकल कॉलेज संचालित होंगे। हिंदी में शिक्षण को प्रोत्साहित किया गया है।
अनाज उत्पादन बढ़ा, अर्थव्यवस्था हुई गतिमान
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2003-04 में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय सिर्फ 11 हजार रुपये थी, आज यह 1 लाख 40 हजार हो गई है। अर्थव्यवस्था गतिमान हुई है। सकल घरेलू उत्पादन लगभग 86 हजार करोड़ रुपये का था, आज यह 13 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। बजट भी 23 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग सवा तीन लाख करोड़ हो गया है। अनाज उत्पादन की बात करें तो जहां सिर्फ 159 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता था अब 619 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है। मध्यप्रदेश में अन्न के भंडार भर दिए हैं। मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा गेहूँ निर्यात करने वाला प्रांत बना है।