कोलकाता। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा शुरू होने के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि 15 साल पहले ही उन्होंने अपनी आंखें दान कर दी है। रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया।
इसमें उन्होंने लिखा,”राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा आज से शुरू हो रहा है। नेत्रदान एक नेक काम है, जिसे हमारी सरकार ने हमेशा प्रोत्साहित किया है। बंगाल ऐसा राज्य है जहां अंगों के शीघ्र परिवहन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। मैंने भी 15 साल पहले अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया था।”
दरअसल, हर वर्ष 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। इसका उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करना है। कॉर्निया में चोट या किसी बीमारी के कारण कॉर्निया को क्षति होने पर दृष्टिहीनता को ठीक किया जा सकता है। प्रत्यारोपण में आँख में से क्षतिग्रस्त या खराब कॉर्निया को निकाल दिया जाता है और उसके स्थान पर एक स्वस्थ कॉर्निया प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
पश्चिम बंगाल में लोग अंगदान के प्रति काफी जागरूक हैं। यहां हमेशा ही ब्रेन डेड अथवा मौत के बाद परिजन मृतक के शरीर के अंगों को दान करते रहते हैं। राज्य प्रशासन को विशेष निर्देश है कि जहां भी अंग प्रत्यारोपण होगा वहां एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में अंगों को पहुंचाने के लिए तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाए। राज्य सरकार ने अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए पाठ्यक्रमों में अंगदान को शामिल किया है। सबसे पहले अंगदान करने वाले से लेकर उन विशेष लोगों के बारे में पढ़ाया जाता है जिनके अंगदान से कई लोगों को नई जिंदगी मिली है।