रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय(Vishnu Deo Sai) से संबद्ध विभागों के लिए सोमवार को विधानसभा में 8421 करोड़ 82 लाख 8 हजार रुपये की अनुदान मांगें चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दी गई।
अनुदान मांगों में सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 475 करोड़ 39 लाख 81 हजार रुपये , सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 74 करोड़ 18 लाख 29 हजार रुपये , वाणिज्यिक विभाग(आबकारी) के लिए 432 करोड़ 3 लाख 44 हजार रुपये, ऊर्जा विभाग के लिए 3990 करोड़ 56 लाख 89 हजार रुपये, पशुपालन विभाग के लिए 513 करोड़ 1 लाख 58 हजार रुपये, मछलीपालन विभाग के लिए 106 करोड़ 19 लाख 49 हजार रुपये, खनिज साधन विभाग के लिए 1340 करोड़ 62 लाख 73 हजार रुपये, जनसंपर्क विभाग के लिए 443 करोड़ 87 लाख 20 हजार रुपये, पुनर्वास विभाग के लिए 2 करोड़ 75 लाख 40 हजार रुपये, परिवहन विभाग के लिए 151 करोड़ 8 लाख 20 हजार रुपये, ग्रामोद्योग विभाग के लिए 217 करोड़ 31 लाख 74 हजार रुपये , जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 53 लाख रुपये, विमानन विभाग के लिए 200 करोड़ 48 लाख 36 हजार रुपये, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 265 करोड़ 75 लाख 95 हजार रुपयेकी अनुदान मांगें पारित की गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरकार की पिछले तीन महीने की उपलब्धियों को भी साझा किया। मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए मीसाबंदियों की सम्मान निधि फिर से प्रारंभ करने और कुरुद क्षेत्र में मिल्क रूट स्थापित करने एवं चिलिंग प्लांट लगाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी की गारंटी पर देश के बच्चे-बच्चे को भरोसा है। उन्होंने जो भी वायदे देश की जनता से किये, वो पूरा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय के कार्यों में चिप्स की मदद से डिजीटल सचिवालय परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग में 134 पदों का सृजन किया जाएगा। एन्टी करप्शन ब्यूरो कार्यालय को अधिक सशक्त बनाने के लिए दुर्ग संभाग में एन्टी करप्शन ब्यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके लिए विभिन्न संवर्गों के 35 पदों, राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो में 06 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना संधारण एवं उन्नयन प्राधिकरण के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं आवागमन से संबंधित अधोसंरचनाओं के रख-रखाव एवं उन्नयन संबंधी कार्यों के लिए 50 करोड़ 1 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग के अंतर्गत जिला स्तरीय उड़नदस्ता के गठन के लिए 188 नवीन पद, आबकारी थानों और जांच चौकियों के गठन के लिए 325 नवीन पदों तथा लिपिकीय श्रेणी के 168 पदों का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को निःशुल्क बिजली प्रदान करने के लिए 3 हजार 500 करोड़ रुपये और कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, इससे 20 हजार कृषि पंपों का ऊर्जीकरण किया जाएगा। घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के लिए वर्ष 2024-25 के बजट में 01 हजार 274 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि बीपीएल उपभोक्ताओं को दी जा रही रियायतों के लिए 539 करोड़ 60 लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए 513.01 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। पशु संवर्धन एवं नस्ल सुधार कार्यक्रम के लिए भी 63 करोड़ 75 लाख 55 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए बजट में 180 करोड़ 04 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है, जो गतवर्ष की तुलना में 10.93 प्रतिशत अधिक है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने महासमुन्द, सक्ती, राजनांदगांव, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर तथा जशपुर जिले में नवीन मत्स्य बीज प्रक्षेत्र की स्थापना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने खनिजों के परिवहन में पारदर्शिता के लिए खनिज परिवहन हेतु ऑनलाईन ई-ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था पुनः आरंभ कर दी है। वित्तीय वर्ष के अंत तक खनिजों के माध्यम से 13 हजार करोड़ रुपये का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को मकान बनाने के लिए रेत उपलब्ध कराई जा रही है। लीज स्थलों पर छोटी गाड़ी से रेत ले जाने की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रिंट मीडिया के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदर्शन विज्ञापन हेतु 110 करोड़ रूपए तथा वर्गीकृत विज्ञापन के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। विभाग के क्षेत्र प्रचार में 120 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान रखा गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मद से विज्ञापन के लिए 90 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। न्यू मीडिया के मद में 40 करोड़ रुपये पए की राशि का प्रावधान रखा गया है। प्रकाशन मद के तहत 20 करोड़ रूपये का प्रस्ताव रखा गया है। आदिवासी उपयोजना अंतर्गत 10 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।