पटना : बिहार के पटना में चल रही विपक्षी दलों की मीटिंग में 15 विपक्षी दलों ने भाग लिया। बैठक में क्या बातचीत हुई, अभी इसको लेकर आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में यह बैठक बुलाई थी।
543 सदस्यीय लोकसभा में, इन दलों की संयुक्त ताकत 200 से भी कम है, लेकिन उनके नेताओं को उम्मीद है कि वे मिलकर भाजपा को अगले लोकसभा चुनाव में 100 सीटों से कम पर समेट देंगे। फिलहाल लोकसभा में भाजपा की सीटों की संख्या 300 से अधिक है। भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले संसदीय चुनाव में 50 से कुछ अधिक सीटें जीती थीं। 2014 में उसने केवल 44 सीटें जीती थीं, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था।
दूसरी ओर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिली जोरदार प्रतिक्रिया से उत्साहित कांग्रेस को 2024 के आम चुनाव में मजबूत वापसी की उम्मीद है। बैठक में शामिल दो दल, राजद और भाकपा माले पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में असफल रहे थे। हालांकि, दोनों ने एक साल बाद हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। अब उन्हें उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में भी वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
अन्य दलों में, केवल तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और जद (यू) ने पिछले आम चुनाव में दोहरे अंक में सीटें हासिल की थीं। शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कितने सांसद, विपक्षी एकता की वकालत करने वाले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के साथ बने रहेंगे। बैठक में शामिल अन्य पार्टियों में जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भाकपा और माकपा शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के रुख को लेकर नाराजगी जाहिर की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने 370 पर समर्थन के साथ सशर्त समर्थन देने की बात कही है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस और विपक्षी दलों से समर्थन की मांग की है।
कौन-कौन हुआ शामिल : विपक्ष की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव समेत कई दलों के नेता शामिल हुए।