New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। 2023-24 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपए बढ़ा दिया गया है जिससे यह अब 315 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। एफआरपी (FRP) वह न्यूनतम मूल्य है जिसे चीनी मिलों को गन्ना किसानों को देना होता है। गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur) ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया। सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का एफआरपी 315 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपए प्रति क्विंटल था।
ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपए प्रति क्विंटल था। अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। साल 2021 में गन्ने की एमएसपी (MSP) में 5 रुपए की वृद्धि कर 290 रुपए कर दिया गया है। 2022 में इसमें 15 रुपए का इजाफा करके 305 रुपए किया गया था, अब 10 रुपए की बढ़ोतरी से नए सत्र में गन्ने की एमएसपी 315 रुपए हो जाएगी।
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वहीं, कैबिनेट कमिटी आॅन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) ने 2022-23 से 2024-25 के बीच तीन साल के लिए 3,68,676.7 करोड़ रुपए की यूरिया सब्सिडी का ऐलान किया है। अब यूरिया पर मौजूदा सब्सिडी की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक कर दी गई है। इससे पहले इसी महीने कैबिनेट बैठक में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की थी। तब मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत, मूंगफली पर 9 प्रतिशत, सेसमम पर 10.3 प्रतिशत, धान पर 7 प्रतिशत, ज्वार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6-7 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।