गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद की संस्थाएं अपने संस्थापकों की भावनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप राष्ट्र प्रथम के भाव से सेवा कार्य कर रही हैं। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी परिषद की इसी भावना को उच्च शिक्षा और चिकित्सा के सेवा क्षेत्र में मूर्तमान कर रही है।

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मुख्यमंत्री योगी मंगलवार शाम महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के मुख्य आतिथ्य में आयोजित अकादमिक भवन, पंचकर्म केंद्र व ऑडिटोरियम के लोकार्पण और गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 1932 में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने शैक्षिक रूप से इस पिछड़े क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। आजादी के बाद पहला विश्वविद्यालय स्थापित करने में इसी शिक्षा परिषद का योगदान रहा। आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 52 से अधिक संस्थाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक कल्याण के क्षेत्र में राष्ट्र प्रथम की सेवा भावना को साकार कर रहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के दो दिवसीय प्रदेश दौरे के दौरान आईवीआरआई बरेली, गोरखपुर एम्स और आयुष विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी उच्च स्तरीय संस्थान विज्ञान के अलग-अलग फील्ड में काम करते हैं लेकिन राष्ट्रपति के इस दौरे का समापन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में हो रहा है जो इन सभी फील्ड में काम करने वाला संस्थान है। इस विश्वविद्यालय में मॉडर्न मेडिकल साइंस, आयुर्वेद, नर्सिंग, फार्मेसी, एग्रीकल्चर सभी फील्ड में काम किया जा रहा है।


