Desh | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार किसी पॉडकास्ट में बातचीत की। जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत ने पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने अभी तक अपन जोखिम उठाने की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने बताया कि उनके पास रिस्क लेने की क्षमता बहुत अधिक है। इसी के साथ उन्होंने उन्होंने एक किस्सा सुनाया। यह किस्सा उस समय का है जब पीएम मोदी आरएसएस में काम करते थे और गाड़ी चलाना सीख रहे थे। ढलान देखकर उन्होंने गाड़ी का इंजन बंद कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि ढलान में गाड़ी खुद ही नीचे चली जाएगी और इंजन बंद करने से पेट्रोल की बचट होगी। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे ज्ञान नहीं था, गाड़ी असंतुलित होने लगी और तेजी से नीचे की जाने लगी। मैं ब्रेक लगाने लगा, लेकिन गाड़ी का इंजन बंद था। मेरे बगल वालों को भी मालूम नहीं चला कि मैंने क्या किया। उन्होंने आगे बताया कि अनुभवों से सिखने का मौका मिलता है। अनुभवों से ही जिंदगी सवरती है।
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने कभी किसी कंफर्ट जोन में जिंदगी नहीं बिताई। हमेशा कंफर्ट जोन के बाहर ही रहे, इसलिए उन्हें मालूम है कि कहां कैसे जिंदगी गुजारनी है। उन्होंने खुद को कंफर्ट जोन के लिए अनफिट बताया। पीएम मोदी ने कहा कि अगर एक उद्योगपति भी कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आता है तो उसका कंफर्ट जोन का लेवल अलग होगा। एक समय के बाद वह खत्म हो जाएगा उसको अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना ही पड़ेगा। जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना चाहता है, उसे कंफर्ट जोन का आदी नहीं बनना चाहिए। रिस्क लेने कि उसकी मनोभूमिका हनेशा उसकी ड्राइविंग फोर्स होती है।
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जब पीएम मोदी से यह सवाल किया गया कि उनके जीवन रिस्क लेने की क्षमता समय के साथ बढ़ रही है? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरी अभी तक रिस्क लेने की क्षमता का भरपूर इस्तेमाल नहीं हो पाया है। बहुत कम हुआ है। रिस्क लेने की क्षमता बहुत अधिक है इसका कारण है। मुझे परवाह ही नहीं है। मैंने अपने लिए सोचा ही नहीं। जो अपने बारे में नहीं सोचा, उसके लिए रिस्क लेने की क्षमता बेहिसाब होती है।