RANCHI: राजधानी के धुर्वा डैम सहित राज्य के सभी 24 जिलों में गुरुवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर उन तक रिलीफ पहुंचाने, चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने तक सभी विभाग कैसे आपस में समन्वय बनाकर राहत एवं बचाव कार्य करें, इसी को लेकर धुर्वा डैम में मॉक ड्रिल किया गया। मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ब्रिगेडियर बीरेन्द्र ठाकर के मार्गदर्शन में किया गया।
मौके पर बीरेन्द्र ठाकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी विभाग आपदा के पूर्व एवं आपदा के समय अपनी तैयारी को पुख़्ता रखने का है, ताकि जान माल को कम से कम नुकसान हो और किसी भी आपदा के लिए हमारी तैयारी पूरी हो। आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव राकेश कुमार ने कहा कि मॉक ड्रिल का मकसद है कि किसी भी आपदा के दौरान सभी विभागों को मिलकर कैसे काम करना चाहिए।
आपदा के दौरान बचाव, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे को बहाल करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। जान और माल का कम से कम नुकसान हो, जीरो कैजुअल्टी हो। एक मान्यता है कि आप जितना शांत समय में पसीना बहाते हैं, आपदा के दिनों में उतना कम नुकसान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम ये मॉक ड्रिल कर रहे हैं। अभ्यास से ही निपुणता आती है। इसलिए अभ्यास करते रहना जरूरी है।
बाढ़ में फंसे लोगों को किस तरह रेस्क्यू किया जाये, इसका मॉक ड्रिल किया गया। एनडीआरएफ की टीम द्वारा बाढ़ के सिचुएशन को दर्शाया गया और उसमें फंसे लोगों को विभिन्न तरीकों द्वारा कैसे बचाया जाएगा, इसका एक लाइव डेमो कर बताया गया। रेस्क्यू के दो तरीकों ड्राई रेस्क्यू और वेट रेस्क्यू की जानकारी दी गई। कैसे इन दोनों रेस्क्यू के माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया जा सकेगा, इसके बारे में बताया गया। साथ ही चिकित्सा दल द्वारा एक डेमो के जरिये बताया गया कि रेस्क्यू किए गए लोगों तक किस प्रकार चिकित्सा सुविधा पहुंचायी जाये।
मॉक ड्रिल में पांच टीम एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बिजली विभाग, बीएसएनएल, मेडिकल, नगर निगम, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, पेयजल विभाग, जिला प्रशासन के पदाधिकारी और अग्निशामक दल ने भी भाग लिया। मॉक ड्रिल के अवसर पर सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी सहित आसपास के लोग उपस्थित भी थे।