शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू(Sukhwinder Singh Sukhu) ने प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद के दौरान कहा कि, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जिसमें कृषि व दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं ला रही, ताकि पशुपालन और कृषि के बारे में समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव आ सके। आगामी 2 वर्षों में राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों के हाथ में पैसा पहुंचे, इसके लिए नीतियों व नियमों में मूलभूत परिवर्तन किए जा रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार जन सहयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है और कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन के दृष्टिगत पशुपालन को विशेष रूप से बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। दूध खरीद के मूल्य में 6 रुपए की बढ़ौतरी राज्य सरकार की तरफ़ से पशुपालकों को निश्चित आय का आश्वासन है और इससे वह दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे।
CM ने कहा कि हिमाचल में दूध की गुणवत्ता बेहतर है तथा इसमें और सुधार करते हुए बेहतर विपणन व्यवस्था से जोड़कर किसानों की आय में आशातीत बढ़ोतरी की जा सकती है। इसी दृष्टिकोण के साथ सरकार अब कृषि को रोजगार के रुप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आज तक इस बारे में गम्भीरता से विचार नहीं किया।
किसानों को शोषण से बचाने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। जब गांव के लोगों की आय बढ़ेगी, तभी हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा।