Varanasi। काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने रविवार कोे स्थानीय सर्किट हाउस में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से मुलाकात की। परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी एवं संगठन मंत्री प्रो. विनय कुमार पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को संगठन की ओर से प्रकाशित शास्त्रीय तिथि पत्र भेंट की।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि सनातन धर्म हिन्दू संस्कृति के अनुयायी लोगों में भ्रम की स्थिति न बने। इसके लिए परिषद सभी विद्वानों के साथ बैठकर पंचांगों की एकरूपता का प्रयास करें। शासन और सरकारों को इन्हीं तिथियों के अनुसार अवकाशों पर सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। काशी की शास्त्रार्थ परम्परा दुनिया की सबसे प्राचीन परम्परा है। इसका संरक्षण परिषद् और उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति को करना चाहिए। प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा को काशी में शास्त्रार्थ होना चाहिए। पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि शास्त्रार्थ का संकल्प नागकूप के वार्षिकोत्सव नागपंचमी पर पिछले वर्ष लिया गया था। जिसमें काशी के विद्वानों, संतों की उपस्थिति में निर्णय हुआ था कि माह में दो बार अलग-अलग गुरुकुलों, मठों, मंदिरों में शास्त्रार्थ आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्रार्थ सभा एक गोरखपुर में भी आयोजित होनी चाहिए। पारम्परिक शास्त्रों के संरक्षण तथा संस्कृत भाषा के संवर्धन में विद्वानों को जागरूक होना होगा। तभी भारत का गौरवशाली इतिहास सुरक्षित होगा और हम विश्व गुरु बन सकेंगे।