New Delhi : देश में इन दिनों समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बहस काफी तेज हो गई है। बीते दिनों भोजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आवश्यकता बताए जाने के बाद से ही देश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। इन सब के बीच केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने समान नागरिक संहिता पर बात करते हुए कहा है कि भारत के कानून आयोग ने इसे सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया है, 13 जुलाई आखिरी तारीख है, तब तक इंतजार करना चाहिए। लॉ कमीशन ने 14 जून को समान नागरिक संहिता पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी और सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से 13 जुलाई तक अपने विचार स्पष्ट करने के लिए कहा था। इसके बाद से ही यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि मोदी सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता पर कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
उल्लेखनीय है कि समान नागरिक संहिता शुरू से ही भाजपा के तीन प्रमुख एजेंडे में से एक रहा है। अयोध्या में पवित्र राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण और जम्मू-कश्मीर से धारा-370 की समाप्ति जैसे दो बड़े संकल्प पूरे कर दिये गये हैं वहीं अब समान आचार संहिता की बारी है, जिसे लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सियासी बैटिंग शुरू कर दी है। बीते दिनों भोपाल (Bhopal) में आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संविधान सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है और विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर अल्पसंख्यकों को भड़काने का काम कर रहा है।