जयपुर। राजधानी जयपुर में रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शांति मार्च निकाला गया। इस दौरान शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। शांति मार्च में लोग हाथों में तिरंगा और तख्तियां लिये निकले।
बताया जा रहा है कि मार्च शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक तरीके से निकाला गया। साथ ही शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद रखा गया और कई सड़कों पर रूट डायवर्जन भी किए गए। इसके अलावा मेट्रो और इंटरनेट बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस ने रविवार को शांति मार्च निकाला। शांति मार्च सुबह ग्यारह बजे से अल्बर्ट हॉल से शुरू हुआ जो गांधी सर्किल तक निकाला गया। इसमें हजारों की संख्या में लोग में शामिल हुए। इस शांति मार्च में सीएम अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, सीपीआई से तारासिंह सिद्धू, डीके छंगाणी, नरेन्द्र आचार्य, सीपीएम से वासुदेव, बलवान पूनिया, जनता दल यूनाइटेड से शरद यादव, जनता दल सेक्युलर से अर्जुन देथा सहित कई दलों के दिग्गज नेता शामिल हुए। इनके अलावा सिविल सोसाइटी से अरुणा राय, कविता श्रीवास्तव, एक्टिविस्ट्स, एनजीओ सहित सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखने वाले बुद्धिजीवी वर्ग, सामाजिक संगठन, एडवोकेट्स, डॉक्टर्स, शिक्षक, साहित्यकार, कलाकार, संजीदा वर्ग, कर्मचारी संघ, व्यापार मंडल एवं बड़ी संख्यां में युवा इसमें शामिल हुए। शांति मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष तौर से चारदीवारी में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए। शांति मार्च के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 7500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 आईपीएस, 115 आरपीएस, 230 सीआई और 7 हजार कांस्टेबल सहित उप निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी तैनात किए गए। शांति मार्च में उपस्थित हर व्यक्ति पर वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरों की नजर रही। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अभय कमांड सेंटर से भी निगरानी रखी जा रही है। अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
इंटरनेट, बस, मेट्रो बंद, लोग परेशान
शांति मार्च को देखते हुए शहर में लो फ्लोर बसें नहीं चलीं। इससे रोज यात्रा करने वाले 1.5 लाख यात्री प्रभावित हुए।। शहर में दो सौ से अधिक बसें चलती हैं। मेट्रो को सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक बंद रखा गया है। इससे लगभग 8 हजार यात्री प्रभावित हुए। सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक इंटरनेट बंद रखा गया है। परकोटे के बाजार भी बंद है। इसके चलते आम जनजीवन प्रभावित हुआ। शहर मानों थम सा गया।
ड्रोन से निगरानी
चारदीवारी में क्यूआरटी टीम, एसटीएफ और थानों के साथ पुलिस लाइन का जाप्ता भी तैनात है। । चारदीवारी में ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी रखी जा रही है।
देश संविधान की मूलभावना के आधार पर चलेगा और चलना चाहिए
इस शांति मार्च के जरिये संदेश दिया गया कि देश संविधान की मूलभावना के आधार पर चलेगा और चलना चाहिए। गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विभाजनकारी फैसला बताते हुए केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।
स्वार्थ के लिए संविधान का गला घोटना ठीक नहीं: गहलोत
शांति मार्च से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि केंद्र सरकार को जनभावनाओं को समझाना चाहिए। इतनी हिंसा के बाद भी धमकाने वाले बयान आ रहे हैँ। स्वार्थ के लिए संविधान का गला घोटना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया से शुरू होकर देशभर में आंदोलन छा गया। इसमें सभी धर्मों के लोग प्रभावित होंगे। हिंसा की खबरें सिर्फ भाजपा शासित राज्यों से ही क्यों आ रही है। केंद्र सरकार की ओर से जिस रूप में सीएए को लागू करने की घोषणा की गई है, उससे अनावश्यक रूप से सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है। देश में वर्तमान में बने हालातों के मद्देनज़र संविधान और लोकतंत्र के रक्षार्थ सर्वदलीय एवं सर्वसमाज की ओर से शांति मार्च निकाला जाएगा।