New Delhi: नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 (महिला आरक्षण बिल) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की मंजूरी मिल गयी। इसके साथ ही सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अब यह कानून बन गया है। इस बिल के कानून बन जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जायेंगी। हालांकि, आरक्षण नयी जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जायेगा।
अब यह बिल विधानसभाओं में भेजा जायेगा। इसे लागू होने के लिए देश की 50 प्रतिशत विधानसभाओं में पास होना जरूरी है। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं, नारी शक्ति वंदन कानून के तहत लोकसभा में 181 महिला सांसद रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर तक बुलाया था। वहीं, 19 सितंबर को सरकार ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश किया था। बिल पर 20 सितंबर को लोकसभा में चर्चा हुई। वोटिंग में बिल पास हो गया। समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े थे। जबकि 21 सितंबर को राज्यसभा में बिल पर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से पास हो गया।
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परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल
नये विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है। इस फॉर्मूले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।