अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य अयोध्या को दुनिया की सुंदरतम नगरी बनाना है। इसके अनुरूप जल्द ही अयोध्या का स्वरूप बदला नजर आएगा। सनातन धर्म के केंद्रबिंदु अयोध्या में पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक रूप से तेज गति से सुनियोजित विकास किया जा रहा है। हर कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने विगत दिनों समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अफसरों को निर्देश दिया था कि समय-समय पर अयोध्या आकर भौतिक स्थलीय सत्यापन करें। 500 वर्षों के इंतजार के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अपने मंदिर में विराजमान होंगे तो इसके पहले जन्मभूमि पथ का भी तेजी से विकास हो जाएगा। यह कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए योगी सरकार अयोध्या में हर संसाधन मुहैया करा रही है। जहां राम जन्मभूमि पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, वहीं राम जन्मभूमि पथ को अभूतपूर्व बनाने की योजना है। इस मार्ग की लंबाई 566 मीटर है। राम जन्मभूमि पथ सुग्रीव किला से राम मंदिर तक जाएगा। इस मार्ग का तेजी से निर्माण किया जा रहा है।
राम जन्मभूमि पथ बिरला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला के बगल से होते हुए अमावा मंदिर रंग महल के पीछे होते हुए सीधे राम जन्मभूमि मंदिर परिसर तक जाएगा। इस पर कुल 39.43 करोड़ रुपये की लागत आ रही है, जिसमें से 23.79 करोड़ भूमि अधिग्रहण-पुनर्वास की लागत है। 390 मीटर लम्बाई में मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर तथा शेष भाग में 24 मीटर है। मार्ग पर 7 मीटर चौड़ाई में बिटुमिन्स मार्ग के साथ एवं 15 मीटर व 10 मीटर चौड़ाई में पैदल पथ का निर्माण हुआ। पैदल पथ पर रेड सैंड स्टोन पत्थर लगाया गया है, जिस पर अल्पना की तरह के सुंदर पैटर्न बनाये गये हैं। मार्ग के दोनों ओर औसत 3.50 मीटर चौड़ाई में रेज्ड (उठे हुए) फुटपाथ का कार्य किया गया है।
अत्याधुनिक लाइट से युक्त जन्मभूमि पर एक साइड पत्थरों को लगाया जा रहा है। जन्मभूमि पथ को योगी सरकार अयोध्या के गरिमा के अनुरूप तैयार करवा रही है। इस मार्ग पर पर्याप्त उजाला रहे, इसके लिए दो तरह की लाइटों को इंस्टाल किया जा रहा है। पथ के बीच में ऊंचे लैंप लगाए गए हैं। मार्ग पर सुंदर डिजाइनर एवं आकर्षक पोल की स्थापना की गयी है। मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्टोन बेंच, वाटर कियोस्क एवं प्रसाधन की व्यवस्था स्थापित की जा रही है। इस स्मार्ट मार्ग के दोनों ओर यूटीलिटी डक्ट का प्रावधान किया गया है, जिससे विद्युत तार ऊपर नहीं दिखाई देंगे तथा भविष्य में मार्ग बार-बार खोदने की आवश्यकता नहीं होगी। यह मार्ग भविष्य में दर्शनार्थियों की भारी संख्या बढ़ने एवं सुविधाओं को विशेष ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। जन्मभूमि पथ का कार्य अगस्त 2022 में शुरू हुआ था। इसी माह तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इस पर 91 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मुनीश कुमार ने बताया कि जन्मभूमि पथ मार्ग अयोध्या से रामपथ पर प्रारंभ होकर सुग्रीव किला होते हुए राम मंदिर तक जाता है। इस मार्ग की लम्बाई 566 मीटर है। इसके निर्माण पर 39.43 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 23.79 करोड़ भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की लागत है।