पूर्वी चंपारण। नेपाल सीमावर्ती शहर रक्सौल के रेलवे जंक्शन को अब विश्व स्तरीय रूप देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत रक्सौल रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जाएगा, जिसकी पहली झलक काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की भव्य आकृति में नजर आएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण में 54 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।शुक्रवार को स्टेशन पुनर्निर्माण कार्य के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान बेतिया सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने यह जानकारी दी।
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उन्होंने कहा कि नया स्टेशन चार मंजिला होगा, जिससे शहर के किसी भी हिस्से से इसकी भव्यता को देखा जा सकेगा। स्टेशन में ए-ग्रेड स्तर की तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी, जो यात्रियों को एक अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करेंगी। सांसद ने बताया कि स्टेशन परिसर में एक अत्याधुनिक रेलवे यार्ड का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे रक्सौल शहर को प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिलेगी। नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टेशन में उत्तर और दक्षिण दो ओर से प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। डॉ. जायसवाल ने बताया कि स्टेशन निर्माण का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली गई है और ठेकेदार की नियुक्ति भी हो चुकी है। निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।
पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्टेशन के दोनों ओर रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का मार्ग भी अब प्रशस्त हो गया है। हालांकि यह कार्य पहले शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन महागठबंधन सरकार के दौरान रुकावटें आईं। अब केंद्र सरकार ओवर ब्रिज निर्माण की संपूर्ण राशि वहन करेगी और जल्द ही इसकी स्वीकृति भी मिल जाएगी। रक्सौल विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि यह परियोजना न केवल रक्सौल के विकास को गति देगी, बल्कि भारत-नेपाल के बीच व्यापार और आवागमन को भी नई दिशा देगी। मौके पर रेलवे अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता की मौजूद थे।