रेशम की डोर
सिर्फ नहीं बाँधती
भाई बहन के रिश्तों को
राखी में समाहित होते हैं।
भाई बहन के अन्य अनेक भाव भी
वो भाई जो पिता बन कन्यादान करते हैं।
वो भाई जो हमराज हमजोली बन
ताउम्र साथ लड़ते झगड़ते
जिम्मेदारी उठाते संग चलते है।
वो बंधन भी होता है।
जब बंधते हैं एक दूजे से
बचपन में राखी की एक प्लेट पर
मिठाई संग खाते हुए मीठे संबंध
अनभिज्ञ रहते हैं
ये कौन से धागे हैं
इसका महत्व क्या है ?
तो कभी कुछ मुँहबोले भाई बहन के
रूहानी एहसास के
स्नेह भरे धागे
जिसमे दोनों स्वयं बंध जाते हैं।
हाँ, इसमें वो वात्सल्य रस के
भी रिश्ते होते हैं.
जिसमे भाई संतान बन जाता हैं
और बहन की ममता उसका अभिमान ।
सत्य बस इतना है
इस भाई बहन के बंधन में
भाई बहन के साथ-साथ
अन्य भावबंध भी बँधे होते हैं
जो इस बंधन को
बेहद खास बना जाते हैं।
-कंचन अपराजिता