अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार की मूतिर्याें के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार से वैदिक विधि विधान से शुरू हो गया है। परिसर की यज्ञशाला में सुबह 6:30 बजे से पूजा-अनुष्ठान चल रहे हैं, जिसमें 1975 मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। इसके साथ ही रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति भजनों का पाठ किया जा रहा है।
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इस ऐतिहासिक अवसर पर राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना सहित परकोटे में स्थित छह अन्य मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान चल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से आयाेजित यह समारोह 5 जून को गंगा दशहरा के दिन शुभ अवसर पर पूर्ण होगा। मुख्य समारोह 5 जून को होगा, जिसमें राम दरबार (श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान) की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ छह अन्य मंदिरों में देव प्रतिमाओं की स्थापना होगी। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा 5जून कोअभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच संपन्न होगा।
ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश के नेतृत्व में 101 वैदिक आचार्य संपन्न करवा रहे हैं। इसके तहत 4 जून को विभिन्न अधिवास और पालकी यात्रा का आयोजन होगा, जबकि 5 जून को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। समारोह में ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र सपत्नीक मुख्य यजमान हैं। कार्यक्रम में ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, युगपुरुष परमानन्द महाराज, रामेश्वर दास श्री वैष्णव आदि उपस्थित हैं। इससे पहले आयोजन की शुरुआत सोमवार को मातृ शक्तियों की जल कलश यात्रा के साथ हुई थी। यह यात्रा सरयू नदी के पुराने आरती स्थल से शुरू होकर श्रृंगरहाट, हनुमानगढ़ी और दशरथ महल होते हुए राम मंदिर के यज्ञ मंडप पर समाप्त हुई थी।