लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियों में जुट गया है। शताब्दी वर्ष में संघ प्रत्येक हिन्दू परिवार से कम से कम एक गणवेशधारी तरूण स्वयंसेवक तैयार करेगा। संघ ने प्रमुख रूप से सात प्रकार के कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इसमें सबसे पहला कार्यक्रम विजयादशमी उत्सव का है। विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम खण्ड व नगर स्तर पर होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले अयोध्या में एक नगर के विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने बताया कि वर्ष 1925 की विजयादशमी को परम पूज्य डा.केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ प्रारम्भ किया था। शताब्दी वर्ष के प्रथम कार्यक्रम में प्रत्येक हिन्दू परिवार से कम से कम एक गणवेशधारी तरूण स्वयंसेवक कार्यक्रम में सहभाग करे तथा प्रत्येक परिवार से मंगलवेश में पुरूष व मातृशक्ति भी सहभागी हो। इसकी तैयारी संघ के स्वयंसेवक शाखा व बस्ती स्तर पर कर रहे हैं।
विजयादशमी उत्सव में लक्ष्य विजयादशमी के कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवकों की पूर्ण गणवेश में उपस्थिति। सुप्त शक्ति से सम्पर्क कर उन्हें शाखा में सक्रिय करना। युवा एवं तरूण व्यवसायी स्वयंसेवकों की सक्रियता बढ़े। प्रत्येक शाखा सर्वस्पर्शी व सर्वव्यापी बने। प्रत्येक स्वयंसेवक को किसी न किसी कार्य से जोड़ना।
नगर स्तर पर निकाला जायेगा पथ संचलन शताब्दी वर्ष के तहत संघ ने तय किया है कि बड़ा कार्यक्रम करने की बजाय नगर व नगर पंचायत स्तर पर कार्यक्रम किया जायेगा। इसलिए संघ पहली बार मण्डल स्तर पर पथ संचलन निकालेगा। वहीं नगरीय क्षेत्रों में नगर स्तर पर पथ संचलन निकाला जायेगा। इसके लिए स्वयंसेवक अधिक से अधिक गणवेश बनवाने की तैयारियों में जुट गये हैं। 2 व 12 अक्टूबर के पथ संचलन के कार्यक्रम संपन्न होंगे। पथ संचलन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक शाखा की वृहद सूची तैयार की जा रही है। पूर्व में संघ का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके संघ कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय किया जा रहा है।