वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi AdityaNath) ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए मथुरा और काशी को लेकर बड़ी बात कही। मुख्यमंत्री के इस बयान का काशी में संतों ने खुले मन से स्वागत किया।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि, काशी मथुरा को एजेंडे में रखना सुखद अनुभूति है। यह कहना की नंदी जी बैरिकेडिंग तोड़ कर आ गए हम इस बयान का स्वागत करते है। संत समिति के प्रथम प्रस्ताव में ही अयोध्या,काशी और मथुरा इसी क्रम में मुक्ति का संकल्प था। यह सनातन हिन्दू धर्म का वैभव और सम्मान से जुड़ा प्रश्न है। संत समिति मुसलमानों से आग्रह करती है कि CM Yogi के प्रस्ताव को स्वीकार ले, यह उनके हित में ही होगा।
बता दें कि, CM ने कहा था कि पांडवों ने पांच गांव ही मांगे थे, हमने तो तीन ही मांगे है। मुख्यमंत्री का संकेत अयोध्या,काशी,मथुरा की तरफ़ रहा। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मुद्दा जब लोगों ने देखा तो नंदी बाबा ने भी इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले और अब हमारे कृष्ण कन्हैया भी कहां मानने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि ‘सदियों तक अयोध्या कुत्सित मंशा के लिए अभिशप्त थी और वह एक सुनियोजित तिरस्कार भी झेलती रही। लोक आस्था और जन भावनाओं के साथ ऐसा खिलवाड़ शायद दूसरी जगह देखने को नहीं मिला होगा।