Dehradun: मुख्यमंत्री दिल्ली से वापस आते ही सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि और नुकसान की अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही बेघर हुए परिवारों को पुनर्वास और माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए लाई जल्दी ही शिक्षा योजना लाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी और पौड़ी से फोन पर वार्ता कर इन जनपदों में हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहने के साथ ही सभी सहयोगी संस्थाओं से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिए। जनपदों में खाद्यान्न से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों और सचिव आपदा प्रबंधन को भी जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाए रखने के कहा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में बहुत लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ लोगों ने अपने परिवार के लोगों को खोया है। काफी लोग बेघर हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही एक योजना लाई जा रही है। बेघर हुए लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था, उनके रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। जिन बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है, उन बच्चों की शिक्षा के लिए इस योजना के तहत प्रबंध किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली एवं पानी की लाइनों का भी काफी नुकसान हुआ है। राज्य में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी अधिक की परिसम्पति का प्रदेश को नुकसान हुआ है। केन्द्र सरकार की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन केन्द्र को भेजा रहा है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव सविन बंसल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।