New Delhi : छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (एसईसीएल) अगले पांच वर्षों के दौरान इसके परिचालन राज्यों छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में वृक्षारोपण पर 169 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। कंपनी ने हाल ही में इन राज्यों में वृक्षारोपण कार्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (सीजीआरवीवीएन) और मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम (एमपीआरवीवीएन) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। वृक्षारोपण 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए किया जायेगा और इसके बाद वृक्षारोपण के प्रत्येक लगातार वर्ष के लिए चार वर्षों तक रख-रखाव किया जायेगा। समझौते के अनुसार : एसईसीएल वृक्षारोपण कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ में 131.52 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश में 38.11 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
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कंपनी राज्य निगमों के साथ साझेदारी में छत्तीसगढ़ राज्य में 26 लाख से अधिक और मध्य प्रदेश में लगभग 12 लाख पौधे लगाएगी। यह कंपनी का इस प्रकार का तीसरा समझौता है। पिछले दो समझौतों के माध्यम से कंपनी ने 2013-14 और 2022-23 के बीच 168 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत पर छत्तीसगढ़ में 46 लाख से अधिक और मध्य प्रदेश में 16 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं। समझौता ज्ञापन की शर्तों के अनुसार राज्य के संबंधित निगम कंपनी की किसी भी प्रकार की अधिग्रहीत, पट्टे, खरीदी, हस्तांतरित भूमि जैसे किरायेदारी, सरकारी, राजस्व और वन भूमि पर उचित विशेषज्ञता और पर्यवेक्षण के साथ वृक्षारोपण कार्य करेंगे। वृक्षारोपण कार्य में छह से बारह माह पुराने (पॉलीपोट) पौधों का उपयोग किया जाएगा। वृक्षारोपण के लिए विभिन्न प्रजातियों में फल देने वाले पेड़ जैसे जामुन, इमली, बेल, आम, सीताफल आदि और औषधीय/हर्बल पौधे जैसे नीम, आंवला, करंज आदि शामिल हैं। इनके अलावा, सागौन, साल, बांस, बबूल, सिस्सू, सफेद सिरस जैसे लकड़ी के मूल्यवान पेड़ और गुलमोहर, कचनार, अमलतास, पीपल, झारुल आदि सजावटी/एवेन्यू पौधे भी लगाए जाएंगे। स्थानीय समुदायों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, समझौते में यह प्रस्तावित है कि पौधों की प्रजातियों का चयन भी स्थानीय ग्रामीणों की राय से किया जायेगा। हरित आवरण को बढ़ावा देने और जैव विविधता को संरक्षित करने और उसे बढ़ाने के लिए, एसईसीएल अपने खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास व्यापक तौर पर वृक्षारोपण कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कंपनी ने 365 हेक्टेयर क्षेत्र में 8 लाख से अधिक पौधे लगाकर अपने इतिहास में सबसे अधिक वृक्षारोपण किया। सैटेलाइट इमेजरी ने उन क्षेत्रों में हरित आवरण में काफी सुधार दशार्या है जहां एसईसीएल ने वृक्षारोपण कार्य किया है।
कंपनी विभिन्न सतत विकास पहल भी कर रही है, जहां पुराने व देखरेख से वंचित खनन स्थलों पर इको-पार्क, आॅक्सीजन पार्क और खनन पर्यटन स्थल विकसित किये गये हैं। वैज्ञानिक उपचार के बाद कृषि और घरेलू उपयोग के लिए आसपास के कस्बों और गांवों में खदान के पानी की आपूर्ति की जा रही है। कंपनी अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाएं भी विकसित कर रही है।