Chandigarh (शिवानी): हरियाणा पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल-2 के तहत नवंबर माह 2023 में कुल 3219 गुमशुदा बच्चों और वयस्कों को खोजकर उनके परिवारों की खोई हुई मुस्कान वापस लाने में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इस दौरान पुलिस की टीमों द्वारा 893 गुमशुदा बच्चों , 853 व्यस्कों , 561 भिखारियों, 518 बंधुआ मजदूरी करने वाले बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। इसके साथ ही इस अभियान के तहत 484 बच्चों को बाल गृह पहुंचाया गया है।
इस संबंध में आज यहां जानकारी देते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान करते हुए उन्हें अपने परिजनों से मिलवाने के लिए सक्रियता से प्रयास कर रही है। कर्तव्य से आगे बढ़कर अपनी डयूटी को बखूबी निभाते हुए हरियाणा पुलिस की टीमों ने यह उपलब्धि हासिल की है।
साथ ही पुलिस द्वारा इस माह नवंबर मे 561 भिखारियों और 518बाल श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें रेस्क्यू किया गया है। ये बच्चे अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करते हुए पाए गए थे। माह नवंबर 2023 में बच्चों व वयस्कों में से 2246 को पुलिस की फील्ड इकाइयों द्वारा ट्रेस किया गया तथा 973 गुमशुदा लोगों की स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) द्वारा तलाश की गई।
राज्य अपराध शाखा हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह ने बताया कि राज्य अपराध शाखा के तहत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने भी 18 साल से अधिक उम्र के 82 व्यक्तियों का पता लगाया। इसके साथ ही 18 वर्ष से कम आयु के 104 बच्चों का पता लगाया। एएचटीयू ने 279 भिखारियों और 320 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि हमारा पुलिस बल लापता व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए पूर्ण समर्पण भाव के साथ प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति का कोई परिजन लापता है तो कृपया निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करने में संकोच न करें या आपातकालीन नंबर 112 पर इसकी सूचना दें ताकि समय रहते आवष्यक कदम उठाए जा सकें।
डीजीपी ने आगे कहा कि हरियाणा पुलिस लापता व्यक्तियों की तलाष के लिए निरंतर प्रयासरत है। ये अभियान ज्यादातर बाल कल्याण समिति व अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से चलाए जाते हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में लापता व्यक्तियों व बच्चों को ढूँढकर फिर से मिलाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हमारी पुलिस टीमें लापता बच्चों व व्यक्तियों की तलाश के लिए आश्रय गृहों जैसे संस्थानों के अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और विभिन्न धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी जाती हैं।
डीजीपी ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया जैसे माध्यम दुनिया भर में गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने का सषक्त माध्यम है। लापता व्यक्तियों का विवरण देने वाले ऐसे पोस्ट प्रसारित करने में हमें कुछ ही सेकंड लगेंगे। यह संदेश किसी गुमशुदा को उसके परिजनों से मिलाने में अहम योगदान दे सकता ।