Chitrakoot : भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट और प्रयाग महाकुंभ एक आध्यात्मिक यात्रा विषय पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट में ललित कला एवं चित्रकला विभाग द्वारा आयोजित की गई। जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों त्रिपुरा, केरल, कर्नाटक, म0प्र0, बिहार आदि प्रांतों से कलाकार आकर अपनी आध्यात्मिक सोच पर आधारित उत्कृष्ट कलाकृतियों को मूर्त रूप दिया। ये कलाकृतियां महाकुंभ प्रयाग में स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज तुलसी पीठाधीश्वर के पंडाल में आस्थावानों के दर्शनार्थ प्रदर्शनी में लगाई जायेंगी।
सफलतापूर्वक कार्यशाला आयोजित करने के लिए कुलपति प्रो0 शिशिर कुमार पांडेय ने कोऑर्डिनेटर डा0 गुलाबधर, डा0 संध्या पाण्डेय सहित ललित कला एवं चित्रकला विभाग के सभी प्राध्यापकों, शोध छात्र-छात्राओं के प्रयासों की सराहना की। इसके लिये उन्होंने विभिन्न प्रान्तों से आये कलाकारों के साथ ही विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग के समस्त प्राध्यापकों को भी प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। चित्रकूट में रामभद्राचार्य जी महाराज के सानिध्य में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में सम्मान पाकर कलाकार बेहद प्रफुल्लित रहे।
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इस अवसर पर देशभर से आए अतिथि कलाकार मो0 अरशद (दिल्ली), डा0 यतीन्द्र, रेनू वर्मा, डा0 सुधीर छारी (म0प्र0), उत्तर प्रदेश से डा0 उमाशंकर प्रसाद, डा0 कुमुद वाला, डा0 आशुतोष मिश्रा, दिनेश कुमार मौर्य, डा0 अमृतलाल, डा0 कनुप्रिया, डा0 राजेश भौमिक (त्रिपुरा) एवं संकाय प्रमुख डॉ0 गुलाबधर, प्रोफेसर महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ0 विनोद मिश्रा, डॉ0 अमित अग्निहोत्री, डॉ0 मनोज कुमार पाण्डेय, डॉ0 सुशील त्रिपाठी, डॉ0.हरि कांत मिश्रा, डॉ0 संध्या पांडेय, डॉ0 नीतू शुक्ला, शोध छात्रा अर्चना सिंह, शीला आदि उपस्थित रहे।
विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आये कलाकारों ने चित्रकूट और प्रयाग महाकुंभ एक आध्यात्मिक यात्रा विषय को अपनी-अपनी कलाकृतियों में उद्धृत किया।
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रो० प्रसन्न पाटकर मौजूद रहे। कार्यशाला में बनाई गई सभी कलाकृतियों को प्रयाग महाकुंभ 2025 में प्रदर्शित किया जाएगा जो पूरे देश-विदेश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदेश के साथ ही सनातन धर्म को मजबूती देने का संदेश देंगीं।
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