बेतिया। गन्ना उद्योग विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी प्रीति सिन्हा ने शुगर इंडस्ट्रीज मझौलिया के सभागार में बुधवार के दिन मुख्यमंत्री कृषि यांत्रिकरण योजना पर किसानों के साथ वार्ता की तथा कहा कि सरकार अनुदानित कृषि यंत्रों की सूची बढ़ाने पर बिचार कर रही है। योजनाए स्वीकृत होकर जल्द ही आप तक पहुंचाई जायेगी।
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उन्होंने कहा कि किसानों से संवाद इसलिए आवश्यक है कि गन्ना उद्योग विभाग किसानों से सीधा संवाद कर सके। कोई शिकायत व सुझाव हो तो बताये, उनकी समस्याओ का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि गन्ना का पैदावार बढ़े और किसानों का आर्थिक विकास हो।
समारोह की अध्यक्षता शुगर इंडस्ट्रीज के यूनिट हेड डॉ जे पी त्रिपाठी ने की। उन्होंने मुख्यमंत्री कृषि यांत्रिकरण के तहत वितरित किये गये यंत्रो की जानकारी तथा अनुदान के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने गन्ना की खेती को वैज्ञानिक तरीके से करने की सलाह दी।मवेशी के गोबर से बने खाद के उपयोग की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि मवेशी कम होते जा रहे है।खेतो में अंधाधुन डीएपी का उपयोग घातक है। उन्होंने कहा कि खेत की ताकत कम्पोस्ट है।किसान कम्पोस्ट के उपयोग से किसान खेतो की ऊर्बरा शक्ति बढ़ा सकते है। उन्होंने ट्राइकोडर्मा के उपयोग की सलाह दी।
बिहार सरकार के सहायक निदेशक रेमन्त झा,माधोपुर के कृषि वैज्ञानिक बी आर हर्षवर्धन, वरीय गन्ना प्रवन्धक संजय कुमार मिश्र एजीएम एचआर रमाकांत मिश्रा आदि ने संबोधित किया।किसानों ने खेतो में उतपन्न खर पतवार और दुभ के नियंत्रण का उपाय कृषि वैज्ञानिक से पूछा।मौके पर
प्रगतिशील किसान विनय कुमार तिवारी,आमला सिंह, मुंसी लाल चौधरी, हरेंद्र सिंह, हृदया नंद यादव, प्रमोद यादव सौकत मियां समेत सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।