Shimla। हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारने से सुक्खू सरकार ने एक साल में लाखों रुपये की बचत की है। एक वर्ष पूर्व परिवहन विभाग में 19 ई-वाहन शामिल किए गए थे, जिससे न केवल धन की बचत बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हुआ है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने शुक्रवार को बताया कि परिवहन विभाग में जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों के स्थान पर 19 इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से एक वर्ष की अल्पावधि में 28,32,853 रुपये की बचत हुई है। विभाग में ई-वाहनों का उपयोग करने से कार्बन उत्सर्जन में 87.318 टन की उल्लेखनीय कमी आई है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि परिवहन विभाग ई-वाहनों को अपनाने वाला देश का पहला विभाग है। सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पिछले वर्ष 3 फरवरी को परिवहन विभाग को 19 ई-वाहन प्रदान किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है ताकि इस पर व्यय होने वाली धनराशि का उपयोग जनकल्याण कार्यों के लिए किया जा सके। प्रदेश सरकार राज्य की पारिस्थितिकी को संरक्षित करते हुए पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा प्रदान कर रही है। देश के अन्य राज्य भी इस पहल को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार परिवहन क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने और शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्बन फुटप्रिंट में कमी से लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ग्रीन-मोबिलिटी के लिए राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को भी मजबूत कर रही है और इस वित्त वर्ष के अंत तक छह ग्रीन कॉरिडोर तैयार हो जाएंगे।
बता दें कि प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री स्वयं भी शिमला शहर में ई-वाहन का उपयोग कर रहे हैं। सरकार के इस कदम से पर्यावरण संरक्षण और हानिकारक कार्बन उत्सर्जन को कम करने में युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।