यह घटना पुणे के कोंढवा इलाके में रहने वाले एक परिवार का है . बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार अपने घर के एक सदस्य की बीमारी को लेकर बहुत परेशान था. तमाम तरह के इलाज कराने के बावजूद बीमार बेटे को कहीं से कोई आराम नहीं मिल रहा था. फिर यह परिवार किसी के माध्यम से तात्रिंक कुतबुद्दीन नजम से मिलने जा पहुंचा.
आरोपी तांत्रिक कुतबुद्दीन ने परिवार से कहा था कि तुम्हारे बेटे पर किसी ने काला जादू किया है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो सकती है. मौत का डर दिखाकर बाबा ने पीड़ित परिवार को 6 लाख 80 हजार रुपये के कबूतर खरीदने के लिए कहा था. परिवार ने बीमार बेटे के ठीक होने की उम्मीद से इतनी बड़ी रकम भी खर्च करने की बात मान ली. तांत्रिक ने पीड़ित परिवार से कहा कि कबूतर खरीदने से बेटे की मौत टल जाएगी और उसकी जगह इन कबूतरों की मौत हो जाएगी. ऐसे परिवार के अंदर अंधविश्वास पैदा हो गया और झट से तांत्रिक की बात मानकर उसे पैसे दे दिये.
कई दिन गुजर जाने के बाद जब पीड़ित परिवार के बेटे की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ और जनवरी भी आधा निकल गया. फिर तांत्रिक से पूछा कि बेटे की तबीयत में कोई सुधार क्यों नहीं हो रहा. इस बात पर तांत्रिक टालमटोल करता रहा. हर बार यही कहता कि इंतजार करो, बेटा ठीक हो जाएगा. आखिर परिवार के सब्र का बांध टूट गया. उन्होंने फिर इस सारे मामले की जानकारी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को दी.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े मिलिंद देशमुख और नंदिनी जाधव तुरंत हरकत में आए. कोंढवा पुलिस स्टेशन में जादू-टोना निवारण कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने तांत्रिक कुतबुद्दीन को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. कुतबुद्दीन अब 22 जनवरी तक पुलिस की हिरासत में है. तांत्रिक से तीन लाख रुपए भी बरामद किए गए. अभी बाकी की रकम उससे वसूले जाना बाकी है.