Moscow : रूस (Russia) ने युद्ध और अन्य स्पेशल आॅपरेशन (special operation) की तैयारी परखने के लक्ष्य के साथ बाल्टिक सागर के ऊपर सामरिक लड़ाकू विमान (tactical fighter aircraft) अभ्यास शुरू किया है। देश के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा : इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य युद्ध और स्पेशल आॅपरेशन के लिए फ्लाइट क्रू (flight crew) की तत्परता का परीक्षण करना है। वहीं, जर्मनी लिथुआनिया में अपने 4 हजार सैनिक स्थायी रूप से भेजने की तैयारी कर रहा है जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि बाल्टिक (baltic) बेड़े के एसयू-27 फाइटर जेट (Su-27 fighter jet) के चालक दल ने हवाई हथियारों से क्रूज मिसाइलों और दुश्मन के विमानों पर हमला किया। मंत्रालय ने कहा कि क्षमताओं में सुधार के साथ-साथ रूसी लड़ाकू पायलट रूस के कैलिनिनग्राद एक्सक्लेव के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे कॉम्बैट ड्यूटी पर हैं। बाल्टिक तट पर पोलैंड (Poland) और लिथुआनिया के बीच स्थित कैलिनिनग्राद मॉस्को (Kaliningrad Moscow) का सबसे पश्चिमी राज्य है। यह द्वितीय विश्व युद्ध का अंत तक जर्मनी का हिस्सा था।
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जर्मनी (Germany) के रक्षा मंत्री ने कहा है कि रूस के खिलाफ नाटो (NATO) के पूर्वी हिस्से को मजबूत करने के लिए जर्मनी लिथुआनिया (जर्मनी लिथुआनिया) में लगभग 4,000 सैनिकों की स्थायी उपस्थिति स्थापित करेगा। लिथुआनिया की राजधानी विनियस की यात्रा पर बोलते हुए बोरिस पिस्टोरियस ने बाल्टिक देश की लंबे समय से चली आ रही मांग पर सहमति व्यक्त की। पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मनी लिथुआनिया में स्थायी रूप से एक मजबूत ब्रिगेड तैनात करने के लिए तैयार है।’ उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पहले आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना जरूरी है।