New Delhi: नेपाल की जनता वामपंथियों के कुचक्र से परेशान होकर एक बार फिर से नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करने लगी है। इसकी एक बानगी एक सर्वे में दिखी है। इसमें देश की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस को देश के संविधान में हिन्दू राष्ट्र शब्द जोड़ने का सुझाव दिया गया है।
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यह सुझाव नेपाली कांग्रेस से आबद्ध पेशागत, बौद्धिक और वकीलों के संगठनों ने देशभर में सर्वेक्षण कर पार्टी नेतृत्व को दिया है। कहा गया है कि इस समय रजवाड़ों की सक्रियता को रोकना है तो देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना होगा। पार्टी के बौद्धिक संगठन की प्रभारी डॉ. डीला संग्रौला ने एक समारोह में पार्टी के अध्यक्ष शेर बहादुर देउवा को इस सर्वेक्षण का परिणाम सुझाव सहित सौंपा।
सर्वे खुद नेपाली कांग्रेस की ही ओर से पार्टी के अंदर किया गया है। सर्वे में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और पार्टी के समर्थकों तथा वोटरों के बीच जाकर किया गया है। इसमें अधिकांश लोगों ने नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने को लेकर पार्टी को इस मुहिम का नेतृत्व करने का सुझाव दिया गया है। नेपाल के संविधान से धर्मनिरपेक्षता शब्द को हटा कर हिन्दू राष्ट्र लिखने की बात पर पूरे देश भर में एकमत होने की बात डॉ. डीला संग्रौला ने बताई।
उन्होंने बताया कि इस समय पूरे देश का मूड है कि हिन्दू राष्ट्र वाले अभियान का नेपाली कांग्रेस नेतृत्व करे। संग्रौला ने यह भी कहा कि राजतंत्र को लेकर जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से माहौल बनाया जा रहा है उसकी काट के लिए हिन्दू राष्ट्र के एजेंडा को ही आगे बढ़ाना एक मात्र विकल्प है। इस सर्वेक्षण में लोगों ने माना है कि देश में लोकतंत्र और गणतंत्र की रक्षा के लिए और देश में फिर से निरंकुश राजतंत्र को नहीं आने देने के लिए भी हिन्दू राष्ट्र का एजेंडा एकमात्र विकल्प है।
सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी हो या फिर नेपाली कांग्रेस, उसे केवल अपनी राजनीति से मतलब है। देश में इस वक्त जनता हिन्दू राष्ट्र चाहती है। बीते दिनों नेपाल में राजशाही के पक्ष में लोगों का जनज्वार सड़कों पर उतर आया था। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के प्रति शाह पोखरा काठमांडू वापस लौटे तो देश की जनता ने एयरपोर्ट पर जबर्दस्त स्वागत किया। इस दौरान उत्साहित भीड़ ने राजमहल खाली करो, राजा आओ देश बचाओ और हिन्दू राष्ट्र की मांग की।
ऐसे में नेपाली कांग्रेस को लगा कि अब अगर सत्ता में आना है तो उन्हें भी हिन्दू राष्ट्र की मांग उठानी चाहिए। इसके साथ ही इस बात का डर सता रहा है कि अगर देश में एक बार फिर से राजशाही आई तो उनकी सियासत खत्म हो सकती है।
2008 तक हिन्दू राष्ट्र था नेपाल
नेपाल एक ऐसा देश है, जो कि 2008 तक नेपाल एक हिन्दू राष्ट्र था। लेकिन, अब नेपाल हिन्दू राष्ट्र नहीं रहा। 16 साल के बाद एक बार फिर से हिन्दू राष्ट्र की मांग की जा रही है। लोकतंत्र बहाली की मांग ने देश की वामपंथी पार्टियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।