Puri : ओडिशा के पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार चार दिन के अंदर दोबारा गुरुवार को खोला गया। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने सुबह 8 बजे से मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी।
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन के अनुसार, केवल अधिकृत व्यक्तियों को पारंपरिक पोशाक के साथ रत्न भंडार में प्रवेश करने की अनुमति है। मंदिर में प्रवेश से पहले पर्यवेक्षी कमेटी के अध्यक्ष और उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस विश्वनाथ रथ ने बताया – हमने भगवान जगन्नाथ से खजाने के भीतरी कक्ष (इनर केबिन) में रखे सभी कीमती सामान को आसानी से बाहर निकालने का आशीर्वाद मांगा है।
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जस्टिस रथ ने पुरी के राजा और गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब से अनुरोध किया था कि वो रत्न भंडार में मौजूद रहें। साथ ही कीमती सामान को बाहर निकालने की प्रक्रिया की निगरानी करें। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है।
बता दें कि इससे पहले रविवार को 46 साल बाद रत्न भंडार को खोला गया था, जिसमें आउटर रत्न भंडार का आभूषण और कीमती सामान छह बक्सों में शिफ्ट करके सील किया गया था।
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अधिकारियों के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के समक्ष प्रार्थना करने के बाद ओडिशा सरकार की ओर से गठित सुपरविजन कमेटी के सदस्यों ने 9 बजे मंदिर में प्रवेश किया। रत्न भंडार के खजाने को सुबह करीब 10 बजे खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि यदि कीमती सामान को बाहर निकालने का काम गुरुवार को भी पूरा नहीं हो पाता है तो तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत काम जारी रहेगा।