PM Modi Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के जानेमाने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से लंबी बातचीत हुई है. इसमें पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन से जीवन की यात्रा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है. इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने बचपन के दिनों, पिता की चाय की दुकान पर बैठनें के अनुभव से लेकर संघ से जुड़ाव और सार्वजनिक जीवन के तमाम किस्सों पर बात की. इतना ही नहीं उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों से संबंध, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के साथ ही चीन को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है.
पॉडकास्ट में PM मोदी की बड़ी बातें
पाकिस्तान ने हमेशा धोखा दिया
पीएम मोदी ने कहा कि “भारत की ओर से शांति की हर कोशिश का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात के जरिए दिया. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन हमारी शांति की हर कोशिश का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला. हम यह उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा. मेरा यह भी मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे.”
पाकिस्तान के साथ क्रिकेट
टीम इंडिया के हाल के सालों में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दबदबा बनाए रखने से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि “मैं कोई खेल विशेषज्ञ नहीं हूं और न ही मैं इस खेल के तकनीकी पक्षों के बारे में जानता. इसका जवाब केवल विशेषज्ञ ही दे सकते हैं. लेकिन कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेला गया था. मैच के नतीजे से पता चलता है कि कौन सी टीम बेहतर है. हम इसको इसी तरह से जानते हैं.”
चीन के साथ संबंध
भारत और चीन बॉर्डर पर साल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. साल 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया. इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवान मारे गए थे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ हाल में हुई बैठक (पिछले साल अक्टूबर में) के बाद हमने बॉर्डर पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है. हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. धीरे-धीरे निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए.”
गोधरा कांड
27 फरवरी 2002 को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन घटना की जानकारी मिली. लोगों को जिंदा जला दिया गया. आप यह कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी. 2002 से पहले 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे. 1969 के दंगे 6 महीने तक चले थे. उस समय विपक्ष सत्ता में हुआ करता था, और उन्होंने हमारे खिलाफ झूठे केसों में सजा दिलाने की पूरी कोशिश की. उनकी कोशिशों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया. घटना से जुड़े आरोपियों को सजा मिल चुकी है. 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई.”
RSS के साथ संबंध
मैं खुद को इसके लिए सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखने को मिला. मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन मिला. मुझे बचपन में संघ की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था. देश के काम आना मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था. संघ ने मुझे सिखाया. यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है.
चुनाव आयोग
भारत में, हमारे पास एक तटस्थ और स्वतंत्र चुनाव आयोग है, जो चुनाव कराता है और चुनाव से जुड़े सभी फैसले लेता है. यह अपने आप में इतनी बड़ी सफल कहानी है कि दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों को इसके प्रबंधन पर अध्ययन करना चाहिए. वैश्विक समुदाय को हमारे यहां की चुनाव प्रणाली के पैमाने और राजनीतिक जागरूकता को देखते हुए इसका विश्लेषण भी करना चाहिए.
रूस-यूक्रेन संघर्ष
दोनों देशों के बीच का संघर्ष जंग के मैदान में नहीं सुलझ सकता और इसका समाधान तभी होगा जब दोनों पक्ष बातचीत के लिए टेबल पर बैठेंगे. पीएम मोदी ने साफ किया कि इस संघर्ष में भारत तटस्थ देश नहीं है बल्कि शांति के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. उन्होंने आगे कहा कि “रूस और यूक्रेन के साथ मेरे एक जैसे करीबी संबंध हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठ सकता हूं और कह सकता हूं कि यह जंग का समय नहीं है. मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की को दोस्ताना तरीके से यह भी बता सकता हूं कि भाई, दुनिया में चाहे जितने भी लोग आपके साथ खड़े हों, जंग के मैदान से कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा.”
ट्रंप अब ज्यादा तैयार दिख रहे
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच परस्पर विश्वास का रिश्ता है. दोनों नेता बेहतर तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में बने रहते हैं, क्योंकि वे हर चीज से ऊपर अपने राष्ट्रीय हितों को रखने में विश्वास करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहले की तुलना में कहीं अधिक तैयार दिखाई दे रहे हैं. साथ ही मोदी ने ट्रंप साहसी व्यक्ति करार दिया.
गरीबी बोझ नहीं
पीएम मोदी ने कहा, मैं माता-पिता, भाई-बहनों, चाचा-चाची और दादा-दादी के साथ एक छोटे से घर में एक साथ रहते थे. घर में एक खिड़की तक नहीं थी. वह जगह शायद इस जगह से भी छोटी रही होगी जहां हम अभी बैठे हैं.” उन्होंने आगे कहा कि शुरुआती जीवन में हम बहुत ही गरीबी में जी रहे थे, हालांकि हमें कभी गरीबी का बोझ महसूस ही नहीं हुआ.
जूतों को चमकाने के लिए स्कूल में इकट्ठा करता था चाक- पीएम मोदी
पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने बचपन को भी याद किया. उन्होंने बताया कि मेरा बचपन बेहद गरीबी में बीता, मैंने अपने सफेद कैनवास के जूतों को चमकाने के लिए स्कूल में इस्तेमाल किए गए चाक को इकट्ठा किया. उन्होंने कहा कि लेकिन मैं सीखता रहा. जब मैं अपने पिता की चाय की दुकान पप बैठा करता था तो वहां आने वाले लोगों से बहुत कुछ सीखा. मैंने उन सीखों को अपने सार्वजनिक जीवन में लागू किया.
PM का 1+1 सिद्धांत
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मैं कभी भी अकेलापन महसूस नहीं करता क्योंकि मैं 1+1 सिद्धांत में विश्वास करता हूं. पहला एक मोदी है, जबकि दूसरा परमात्मा है. मैं वास्तव में कभी अकेला नहीं रहा हूं क्योंकि भगवान हमेशा मेरे साथ रहे हैं. मेरे लिए, ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ है. मुझे परमात्मा और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है.”
10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटाया
पीएम मोदी ने कहा कि “मेरी सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं से करीब 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों की पहचान की और उन्हें हटाया, यह सुनिश्चित किया कि लाभ, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिए सही लोगों तक पहुंचे, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई. हमने सरकारी विभागों द्वारा खरीदारी करने के लिए GeM पोर्टल शुरू किए. हमारी सरकार ने 1,500 अप्रचलित कानूनों को खत्म किया.”
महात्मा गांधी का विजन मेरे लिए प्रेरणादायी
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन के लिए सामूहिकता का भाव जगाया. उन्होंने जनशक्ति के महत्व को पहचाना. मेरे लिए आज भी वही महत्व है. आज मेरी भी यही कोशिश रहती है कि जन सामान्य को जोड़कर करना. ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी हो. समाज की शक्ति अपंरपार होती है. ये मेरा मत है.
हिमालय में जीवन
पीएम मोदी ने हिमालय यात्रा को लेकर कहा कि “मैंने हिमालय में पहाड़ों के एकांत में समय गुजारा. रास्ते में मेरी मुलाकात कई बेहतरीन लोगों से हुई, इनमें से कुछ महान तपस्वी थे, ऐसे लोग जिन्होंने सब कुछ त्याग दिया था, लेकिन फिर भी मेरा मन अशांत रहा. शायद यह मेरी जिज्ञासा, सीखने की, समझने की उम्र थी.”
उपवास एक वैज्ञानिक प्रक्रिया
पीएम मोदी ने बताया कि उपवास सिर्फ खाना छोड़ने के बजाय एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है और यह पारंपरिक और आयुर्वेदिक प्रथाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है. मैं वास्तव में सुखद आश्चर्यचकित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि आप उपवास कर रहे हैं, और भी अधिक इसलिए क्योंकि ऐसा लगता है कि आप मेरे प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए ऐसा उपवास कर रहे हैं. मोदी के साथ पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रिडमैन ने बताया कि उन्होंने पीएम के साथ अपने इंटरव्यू लेने के सम्मान में 45 घंटे तक उपवास किया, और इस दौरान उन्होंने सिर्फ पानी ही पिया.