लखनऊ। श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में राज्य सरकार डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र और विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना जैसी अभिनव योजनाओं के माध्यम से न सिर्फ श्रमिकों की दैनिक समस्याओं को हल करने जा रही है, बल्कि उन्हें गरिमा और सुविधा के साथ जीने का अवसर भी प्रदान कर रही है।
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शहरों में श्रमिकों के लिए बनेगा भरोसेमंद व सुविधाजनक ठिकाना
योगी सरकार ने तय किया है कि प्रथम चरण में राज्य के 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों को श्रमिकों के लिए एक वन-स्टॉप समाधान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां उन्हें स्वच्छ पेयजल, शौचालय, पंजीकरण सुविधा, सरकारी योजनाओं की जानकारी, और आवश्यक सेवाएं मिलेंगी। बीते दिनों श्रम विभाग ने मुख्यमंत्री योगी के समक्ष इन योजनाओं का विस्तृत खाका पेश किया। इन केंद्रों के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को योजनाओं से जोड़ने में तेजी लाई जाए, ताकि कोई भी श्रमिक सरकारी लाभों से वंचित न रहे।
प्रदेश में प्रवासी निर्माण श्रमिकों की संख्या बड़ी है। ये काम की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर जाते रहते हैं। इनकी रातें अक्सर फुटपाथ या असुरक्षित स्थानों पर गुजरती हैं। ऐसे में योगी सरकार की विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल के रूप में राहत लेकर आ रही है। इन सरायों में स्वच्छ शौचालय, स्नानागृह, क्लॉक रूम और अस्थायी आवास की सुविधा होगी, जिससे श्रमिक न केवल सुरक्षित रह सकेंगे बल्कि अगली सुबह नए काम की तलाश में बेहतर ढंग से निकल सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रमिक कल्याण को लेकर गंभीर हैं और कई मौकों पर उन्होंने कहा है कि राज्य का निर्माण करने वाले श्रमिकों को सुविधाएं देना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उनकी इसी सोच का परिणाम है कि यूपी में पहली बार श्रमिकों के लिए इस तरह के स्थायी ढांचे की योजना बनाई जा रही है, जो श्रमिकों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सके। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में इन योजनाओं का विस्तार हर नगर क्षेत्र और बड़े औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाए, ताकि कोई भी श्रमिक सुविधाओं से वंचित न रहे।