लखनऊ। पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में न केवल अपराधियों की कमर तोड़कर रख दी गई है, बल्कि प्रदेश में आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग माॅड्यूल (सहयोगी) और असामाजिक तत्वों को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया है। इस दौरान न सिर्फ आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया, बल्कि टेरर फंडिंग, धार्मिक उन्माद, फर्जी दस्तावेज, विदेशी घुसपैठ पर करारा प्रहार किया गया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का ही असर है कि आज उत्तर प्रदेश आतंकियों की पनाहगाह नहीं, बल्कि उनके खात्मे का मैदान बन चुका है। इसे योगी माडल नाम दिया गया है, जिसे अब अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए अन्य राज्य भी अपना रहे हैं।
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भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के समय में पिछले आठ वर्षों में जहां एक ओर 230 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया। वहीं दूसरी ओर आतंकवादी संगठनों के 142 स्लीपिंग माॅड्यूल को अरेस्ट किया है। इनमें प्रदेश में एक्टिव 131 स्लीपिंग मॉड्यूल आतंकवादी संगठनों को पनाह देने के साथ गोपनीय सूचनाएं पहुंचाते थे, जबकि एक आतंकवादी को मुठभेड़ में मार गिराया गया। आतंकवादी संगठनों को टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग माॅड्यूल को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
राज्य पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने आतंकवादी संगठनों के जिन स्लीपिंग माॅड्यूल को अरेस्ट किया गया, वह आईएसआईएस, एक्यूआईएस, जेएमबी, एबीटी, एलईटी, जेईएम, एचएम, आईएम-एसआईएमआई, नक्सल, पीएफआई, आईएसआई जैसे संगठनों से ताल्लुक रखते थे। एटीएस ने संगठित आतंकवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने में किस तरह काम किया। इसके साथ ही एटीएस ने टेरर फंडिंग के खिलाफ भी पूरी ताकत से एक्शन लिया। आतंकवादी संगठनों को टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल को गिरफ्तार किया गया। इसके अतिरिक्त भारतीय जाली मुद्रा के मामलों में 41 गिरफ्तारियां की गयी और 47.03 लाख रुपये की नकली मुद्रा बरामद की गई है।
धर्मांतरण पर किया करारा प्रहार
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने या सड़क-जुलूस की साजिश में लिप्त अभियुक्तों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई । प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों पर भी एटीएस की पैनी नजर रही। इस अवधि में 173 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया। धर्मांतरण से जुड़े सिंडिकेट पर भी करारा वार कर 20 से अधिक अभियुक्तों को अरेस्ट किया गया। एटीएस ने साइबर फ्रॉड गतिविधियों में लिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेजा, इनमें चार चाइनीज आरोपी भी शामिल हैं।