स्वदेश संवाददाता
बड़कागांव। खनन परियोजना पंकरी बरवाडीह से प्रभावित महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से सीएसआर के तहत उनकी एमडीओ कंपनी त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा खोली गयी रेडिमेड गार्मेंट डिवीजन पर ताला लग गया है। कभी महिला कर्मियों से गुलजार रहने वाली त्रिवेणी गारमेंट सेंटर के अंदर सन्नाटा पसरा हुआ है। कंपनी के लोगों ने बताया कि टीएसएमपीएल की यह अति महत्वाकांक्षी योजना धीरे धीरे रफ्तार पकड़ रही थी। लेकिन आये दिन कर्मियों के असहयोगात्मक रवैया और हड़ताल की वजह से कई बड़ी गारमेंट कंपनियों से प्राप्त किए गए वर्क ऑर्डर को उनके द्वारा रद्द कर दिया। जो कंपनी के लिए एक मुसीबत बन गयी । वर्क ऑर्डर वापस लेने वाली कंपनियों का कहना है कि आपके यहां विरोध और धरना का यह सिलसिला फैक्ट्री परिसर से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गया है, ऐसे में दिये गए ऑर्डर को निर्धारित समय सीमा में पूरा नहीं किया तो हमे लाखों का नुकसान हो सकता है। ऐसे में टीएसएमपीएल प्रबंधन ने काफी सोच विचार, मंथन और भारी मन से अपनी गारमेंट इकाई को अब आगे नहीं चलाने का फैसला लिया है। विदित हो कि इस गारमेंट कंपनी को खोलने का मकसद यहीं था कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार का साधन प्राप्त हो जिससे वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके लेकिन कंपनी में कार्यरत कर्मियों की लगातार विरोध और आंदोलन की वजह से कंपनी को ऐसा निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ा। कंपनी ने महिला कर्मियों और कारीगरों की सुविधा के लिए उन्हें घर से फैक्ट्री और फैक्ट्री से घर तक छोड़ने के लिए वातानुकूलित बसों की व्यवस्था की जिसका पूरा मकसद ही अपने कर्मियों को एक बेहतरीन और आरामदायक जीवन प्रदान करना था। लेकिन बड़े दुख की बात है कि इन कर्मियों ने बाहरी उकसावे में आकर कंपनी के खिलाफ ही प्रबंधन विरोधी कदम उठाने लगे। त्रिवेणी अपैरल का काम चल रहा था तो महिलाओं को परिवार चलाने में यहां से मिलने वाली आय से अच्छी-खासी मदद मिल रही थी। टीएसएमपीएल ने इस गार्मेंट कंपनी के जरिये महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काफी प्रयास किया परंतु विफल रहा। मामले के समाधान के लिए कंपनी के द्वारा कई प्रयास किए गए परंतु समस्या का समाधान नहीं हो पाया। कंपनी में कार्यरत लगभग 200 महिलाएं बेरोजगार हो गई है आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है।